
अमेरिका ने बृहस्पतिवार को म्यांमार में सरकारी स्वामित्व वाली रत्न व्यापार कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे सैन्य शासन जुंटा पर राजस्व में कमी के संदर्भ में दबाव बढ़ेगा। इसके जरिए अमेरिका ने सैन्य शासन को साफ संकेत दिया है कि वह हिंसा रोके और देश में लगाई गई आपात स्थिति को समाप्त करे।
म्यांमार की सैन्य सरकार के लिए रत्न मुख्य आर्थिक संसाधन है। वहां की सरकार देश में लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शन को हिंसक रूप से दबा रही है। म्यांमार के सैन्य शासन पर शिकंजा कसने के लिए अमेरिका के बाइडेन प्रशासन का यह ताजा कदम है। वहां की सैन्य प्रशासन ने एक फरवरी को सत्ता पर रकब्जा कर लिया और तख्तापलट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने वाले लोगों पर कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिन्केन ने एक बयान में कहा, ‘‘लक्षित प्रतिबंध के जरिए हम वहां के सैन्य प्रशासन को यह स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि अमेरिका राजस्व प्रवाह पर तबतक दबाव बढ़ाता रहेगा, जबक हिंसा रोकी नहीं जाती, अनुचित तरीके से हिरासत में रखे गए लोगों को छोड़ा नहीं जाता, मार्शल कानून और देशव्यापी आपात स्थिति को हटाया नही जाता, दूरसंचार पर बंदियां समाप्त नहीं की जाती है और लोकतंत्र बहाल नहीं किया जाता।”
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