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अमेरिकी राष्ट्रपति भारत से निराश… ट्रंप के करीबी ने दिल्ली से तनाव पर दिया बड़ा बयान, रूसी तेल खरीद पर कही ये बात


ट्रंप के आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस बात से निराश हैं कि भारत रूस के यूक्रेन युद्ध को धन मुहैया करा रहा है। उन्होंने इसे दोनों देशों के बीच एक कूटनीतिक मुद्दा बताया।
अमेरिका और भारत के बीच तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने नई दिल्ली के साथ व्यापार संबंधों को लेकर बयान दिया है। हैसेट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी व्यापार टीम भारत से निराश है, क्योंकि नई दिल्ली रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए है। समाचार एजेंसी एएनआई से हैसेट ने कहा, ‘व्यापार टीम और राष्ट्रपति इस बात से निराश हैं कि भारत रूस के यूक्रेन युद्ध को धन मुहैया करा रहा है। यह एक कूटनीतिक मुद्दा है और उम्मीद है कि जल्द ही इसमें सकारात्मक प्रगति होगी।’
हैसेट की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा, क्योंकि यह लागत में कम है। सीएनएन-न्यूज 18 से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हमें यह तय करना होगा कि कौन (आपूर्ति स्रोत) हमारे लिए सबसे उपयुक्त है। इसलिए हम निःसंदेह इसे खरीदेंगे।’ अमेरिका ने भारत के खिलाफ 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लागू किया है। इसमें 25 प्रतिशत रूसी कच्चा तेल खरीदने के लिए दंडात्मक शुल्क के रूप में लगाया गया है। अमेरिका का दावा है कि भारत के रूसी तेल खरीदने से यूक्रेन में रूस के युद्ध को बढ़ावा मिल रहा है।
भारत ने खारिज किया है अमेरिका का दावा – भारत ने बार-बार इस दावे को खारिज किया है और अमेरिकी कार्रवाई को ‘अन्यायपूर्ण’ और ‘अनुचित’ कहा है। हैसेट ने अमेरिका में बेरोजगारी दर के बढ़ने को लेकर कहा कि यह निराशाजनक है लेकिन उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के भविष्य के बारे में उम्मीद जताई। शुक्रवार को अमेरिकी श्रम सांख्यिकी ब्यूरो से जारी आंकड़ों में बताया गया कि अमेरिका में बेरोजगारी दर 2021 के बाद से अपने उच्चतम स्तर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
बेरोजगारी के आंकड़ों पर हैसेट ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इसमें बदलाव होगा। राष्ट्रपति ट्रंप जानते हैं कि हम नौकरियों के भविष्य के बारे में बहुत आशावादी हैं। हम पूंजीगत खर्च और नए कारखाने व निर्माण में भारी उछाल देख रहे हैं। ऐसा कुछ हमारे कर सुधारों के कारण हो सकता है।