
अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए चीन एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है। ऐसे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन चीन के खिलाफ जुबानी जंग में एक-दूसरे को पछाड़ने में लगे हुए हैं। दोनों ही यह दर्शाना चाहते हैं कि वे चीन संबंधित मामलों में बेहतर तरीके से निपट सकते हैं।
चीन के खिलाफ सख्त दिख रहे ट्रंप और बाइडेन
ट्रंप के चुनावी अभियान प्रबंधकों ने इस तरह के विज्ञापन निकाले हैं, जिनमें बाइडेन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आवभगत में लगे हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ बाइडेन के चुनावी अभियान की ओर से ट्रंप को कोरोना वायरस को हल्के में लेते हुए महामारी के बारे में पारदर्शी रहने को लेकर जिनपिंग की सराहना करते हुए दिखाया गया है। जबकि, यह स्पष्ट है कि चीन ने महामारी के बारे में दुनिया के सामने विवरण देर से साझा किए।
चुनाव में चीन तीसरा सबसे बड़ा मुद्दा
विज्ञापनों की समीक्षा करने वाले रिपब्लिकन पोल्स्टर फ्रैंक ने कहा कि मुझे लगता है कि कांटे का टक्कर होगा लेकिन मुझे नहीं पता कि इसका फायदा किसे मिलने जा रहा है? फ्रैंक का मानना है कि आने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अर्थव्यवस्था और कोरोना वायरस से निपटने के कदमों के साथ ही चीन तीसरा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है।
चीन से नजदीकियों पर उम्मीदवारों को होगा नुकसान
उन्होंने कहा कि मतदाताओं के बीच यह भी चर्चा का विषय रहेगा कि चीन के अनुचित व्यापार व्यवहार, बढ़ती वैश्विक नाराजगी और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ ट्रंप अथवा बाइडेन कौन सबसे मजबूत तरीके से अमेरिका को पेश कर सकता है? जो व्यक्ति चीनी नेताओं के अधीन नजर आएगा, चुनाव में वह सबसे ज्यादा नुकसान में रहेगा।
ताइवान के पास क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे ज्यादा मिसाइल
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के पास इतनी ज्यादा मिसाइलें मौजूद हैं जो क्षेत्रफल के हिसाब से दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। हालांकि ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इन मिसाइलों की कुल संख्या को आजतक जारी नहीं किया है। ताइपे की चाइना टाइम्स अखबार के अनुसार, ताइवान के पास कुल 6000 से अधिक मिसाइलें हैं।
अमेरिकी और ताइवानी मिसाइलों का जखीरा
इन हथियारों में अमेरिका निर्मित मिसाइलों के अलावा ताइवान की स्वदेशी मिसाइलें भी शामिल हैं। जिसमें हवा से हवा, हवा से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। ताइवान के पास मिसाइल ही ऐसा हथियार है जिससे चीनी सेना खौफ खाती है और आजतक हमले के प्लान को अंजाम नहीं दे सकी है। क्योंकि, चीन के राष्ट्रपति से लेकर चीनी सेना के जनरल तक लगातार ताइवान पर हमले की धमकी देते रहे हैं।
पैट्रियॉट एडवांस्ड कैपेबिलिटी-3 मिसाइल
अमेरिका की पैट्रियॉट एडवांस्ड कैपेबिलिटी – 3 (PAC-3) मिसाइस दुनिया की सबसे बेहतरीन डिफेंस सिस्टम में से एक है। यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम दुश्मन की बैलेस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू जहाजों को पल भर में मार गिराने में सक्षम है। सभी मौसम में दागे जाने वाली इस मिसाइल का निर्माण लॉकहिड मॉर्टिन ने किया है। यह मिसाइल इस समय पूरे अमेरिका, जर्मनी, ग्रीस, इजरायल, जापान, कुवैत, नीदरलैंड, सऊदी अरब, कोरिया, पोलैंड, स्वीडन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, रोमानिया, स्पेन और ताइवान की सेना में शामिल है।
एवेंजर एयर डिफेंस सिस्टम
अमेरिका की ऑटोमेटिक सतह से हवा में मार करने वाला यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम क्रूज मिसाइलों, ड्रोन, फिक्स विंग हवाई जहाज और हेलिकॉप्टरों के खिलाफ घातक कार्रवाई कर सकता है। इसका रडार दुश्मन के किसी भी प्रकार के हवाई हमले को रोकने में पूरी तरह सक्षम है।
हॉर्पून, स्टिंगर और AIM-9 Sidewinder
ये तीनों मिसाइल ताइवान की सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हार्पून एंटी शिप मिसाइल है जिसे मैक्डोनाल्ड डगलस ने बनाया है। यह जमीन से किसी भी शिप को निशाना बनाने में सक्षम है। स्ट्रिंगर मिसाइल मैन पोर्टेबल है जो जमीन से हवा में किसी भी हेलिकॉप्टर या ड्रोन को मार गिरा सकती है। जबकि AIM-9 Sidewinder शॉर्ट रेंज एयर टू एयर मिसाइल है जो दुश्मन के जहाजों और हेलिकॉप्टरों का काल बन सकती है।
Hsiung Feng 1, 2 और 3
Hsiung Feng 1 और 2 ताइवान में नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम है। जो समुद्र में दुश्मन के नेवल शिप को आसानी से निशाना बना सकती है। जबकि Hsiung Feng 3 एक मध्यम दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल है जो जमीन और पानी दोनों जगह दुश्मनों पर प्रभावी कार्रवाई कर सकती है।
वान चिएन और टीएन कुंग 1-3
वान चिएन यह एयर-टू-ग्राउंड क्रूज़ मिसाइल है जिसे ताइवान ने खुद विकसित किया है। ऐसा माना जाता है कि यह मिसाइल 200 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को आसानी से भेद सकती है। जबकि टीएन कुंग 1-3 ताइवान द्वारा विकसित सतह से हवा में मार करने वाली एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम है। टीएन कुंग 3 45 से 70 किलोमीटर तक चीनी गाइडेड मिसाइलों को रोक सकता है। इनके अलावा भी ताइवान के पास कई अन्य मिसाइलें भी हैं।
अमेरिका में चीन के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा
अमेरिका में कोरोना वायरस फैलने के बाद किए गए एक सर्वे में अमेरिकी नागरिकों का गुस्सा उभर कर चीन के खिलाफ सामने आया था। इसके मुताबिक, 66 फीसदी लोगों ने चीन के खिलाफ नकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। वर्ष 2005 के बाद से यह चीन के खिलाफ अमेरिकी लोगों की सबसे खराब प्रतिक्रिया रही। ऐसे में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में संभावित उम्मीदवार चीन के खिलाफ खुद को एक-दूसरे से बेहतर विकल्प साबित करने में लग गए हैं।
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