
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को म्यांमार (US Sanctions on Myanmar) के सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं। इस दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश में इस महीने सैन्य तख्तापलट के जरिए सेना ने सत्ता संभाल लिया है। सेना ने सत्ता को अपने नियंत्रण में ले लिया है तथा स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत देश के अन्य शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया।
इन सभी घटनाक्रमों के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि वह एक कार्यकारी आदेश जारी कर रहे हैं, जिससे म्यांमार के जनरल अमेरिका में एक अरब डॉलर की संपत्ति का उपयोग नहीं कर पायेंगे। बाइडेन ने कहा कि और कई कदम भी उठाए जा रहे हैं। बाइडेन ने कहा कि सेना को सत्ता छोड़ देना चाहिए और देश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
सड़क पर उतर आए थे तमाम लोग : इससे पहले मंगलवार को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। प्रदर्शनों को अवैध करार दिए जाने के बावजूद लोग मंगलवार को सड़कों पर उतर आए थे। म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले में प्रदर्शकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भीड़ को खदेड़ने के लिए चेतावनी स्वरूप दो गोलियां चलाई गईं। सोशल मीडिया पर आई खबरों के मुताबिक, पुलिस ने वहां से दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
पानी की बौछार कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा : पुलिस ने दूसरे दिन राजधानी में भी पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और हवा में गोलियां चलाईं। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सत्ता निर्वाचित असैन्य सरकार को लौटाई जाए। साथ में उनकी मांग है कि निर्वाचित नेता आंग सान सू की और सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं को रिहा किया जाए। यंगून और मंडाले के कुछ इलाकों के लिए सोमवार को एक आदेश जारी करके रैलियों और पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है। साथ में रात आठ बजे से सुबह चार बजे तक कर्फ्यू भी लगा दिया गया है।
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