भारत और चीन में तनावूपर्ण स्थिति के बीच अमेरिका भी चीन की हरकतों पर नजर रख रहा है। खासकर सैन्य क्षेत्र में चीन के खिलाफ वह भारत का साथ दिख रहा है। इसी कड़ी में हिंद महासागर में चीन की पनडुब्बियों की चुनौती का सामने करने की क्षमता भारत को मिल सके, इसके लिए अमेरिका सबमरीन का शिकार करने वाले अपने MH-60-R हेलिकॉप्टर की डिलिवरी अगले साल की शुरुआत में कर सकता है।
24 हेलिकॉप्टरों की डील का ऐलान फरवरी में किया गया था। हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों की बढ़ती सक्रिया के मद्देनजर यह डील सैन्यशक्ति के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है। हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन के अधिकारी विलियम एल ब्लेयर ने द ट्रिब्यून को बताया है कि यह बिक्री विदेशी मिलिट्री सेल के जरिए हो रही है। अमेरिका डिलिवरी जल्द से जल्द देने पर काम कर रहा है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा और अगले साल की शुरुआत में डिलिवरी कर दी जाएगी।
Meteor मिसाइल से ‘अदृश्य’ दुश्मन भी तबाह
राफेल फाइटर जेट को दुनिया की सबसे घातक हवा से हवा में मार करने वाली Meteor मिसाइलों से लैस किया गया है। आलम यह है कि दुनिया में इस समय जितनी भी मध्यम दूरी की एयर टू एयर मिसाइलें हैं, उनसे तीन गुना ज्यादा दूरी तक Meteor मिसाइल दुश्मन के फाइटर जेट को तबाह कर सकती है। यह मिसाइल आंखों से नजर न आने वाले दुश्मन के फाइटर जेट को 100 किमी दूरी से मार गिरा सकती है। इस फ्रांसीसी यूरोपीय मिसाइल के सामने पाकिस्तान की अमेरिका निर्मित AMRAAM मिसाइल कहीं नहीं ठहरती है। इसकी स्पीड 4 मैक से भी ज्यादा है।Meteor को स्टील्थ मिसाइल कहा जाता है जो किसी भी मौसम में एक के बाद एक टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम है। इस घातक मिसाइल में दोतरफा डेटालिंक है। इससे यह रास्ते में ही अपना लक्ष्य बदल सकती है और सीकर की मदद से नए लक्ष्य पर निशाना साध सकती है। इस मिसाइल में रैमजेट इंजन लगा होता है जो उसे लगातार उसे 4 मैक से ज्यादा की गति बनाए रखने में मदद करता है।
मीका एयर-टू-एयर मिसाइल, दागो और भूल जाओ
राफेल फाइटर जेट कम और मध्यम दूरी तक मार करने वाली मीका (MICA) मिसाइल से लैस है। मीका मिसाइल किसी भी मौसम में दुश्मन के ड्रोन और फाइटर जेट को बर्बाद करने में सक्षम है। मीका मिसाइल ‘दागो और भूल जाओ’ के सिद्धांत पर काम करती है। इसे फाइटर जेट और जंगी जहाजों से भी छोड़ा जा सकता है। इस मिसाइल का मिराज-2000 फाइटर जेट में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका वजन करीब 112 किलोग्राम होता है। इसकी रेंज 500 मीटर से लेकर 80 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल 4 मैक की स्पीड से दुश्मन पर हमला करती है।
स्कल्प क्रूज मिसाइल, दुश्मन के घर में घुसकर वार
राफेल फाइटर जेट की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्कल्प क्रूज मिसाइलें हैं जो दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाने में सक्षम हैं। स्कल्प के आ जाने से अब भारत के फाइटर जेट को बालाकोट की तरह से पाकिस्तानी एयरस्पेस में नहीं घुसना पड़ेगा। स्कल्प क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है और इसीलिए इसे ‘गेम चेंजिंज’ मिसाइल कहा जाता है। इसे मिसाइल के जरिए दुश्मन के किसी भी बड़े और अतिसुरक्षित ठिकाने को आसानी से बर्बाद किया जा सकता है। फ्रांस की सेना इन मिसाइलों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर चुकी है। इस घातक मिसाइल का वजन 1300 किलोग्राम है। एक स्कल्प मिसाइल की कीमत करीब साढ़े सात करोड़ रुपये है। यह मिसाइल करीब 1 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हमला करती है। स्कल्प मिसाइल में जीपीएस लगा होता है जो इसे सटीक निशाना लगाने में मदद करता है।
हैमर के वार से एक झटके में बर्बाद होंगे चीनी बंकर
चीन के लद्दाख से सटे पहाड़ी सैन्य ठिकानों को बर्बाद करने के लिए भारत ने फ्रांस से हैमर मिसाइलों को खरीदने का फैसला किया है। यह मिसाइल किसी भी प्रकार के बंकर या सख्त सतह को पल में मटियामेट करने की ताकत रखती है। यह किसी भी स्थिति में बेहद उपयोगी है। बेहद कठिन पूर्वी लद्दाख जैसे इलाकों में इसकी मारक क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है। हैमर मिसाइल 20 किलोमीटर से 70 किलोमीटर की दूरी तक अचूक निशाना लगाने में माहिर है। हैमर को दुश्मन का एयर डिफेंस सिस्टम भी पकड़ नहीं पाता है। HAMMER एक अत्याधुनिक हथियार है। इसे कई तरह से संचालित किया जा सकता है। इसे सैटेलाइट के जरिए, इंफ्रा रेड सीकर के जरिए या फिर लेजर के जरिए गाइड किया जा सकता है। यह हवा में कम ऊंचाई से लेकर पहाड़ी इलाको में समान क्षमता के साथ करती है। राफेल एकसाथ 250 किलोग्राम के 6 हैमर मिसाइल को ले जा सकता है। यह एकसाथ 6 टारगेट को निशाना लगा सकता है।
अमेरिका को है जल्दी
ब्लेयर से जब यह सवाल किया गया कि क्या भारत को चीन के साथ बढ़ते तनाव की वजह से जल्दी डिलिवरी चाहिए, इस पर ब्लेयर ने कहा, ‘हमें भी जल्दी है। फरवरी में समझौता साइन हुआ था। यह डिलिवरी की रेकॉर्ड स्पीड होगी।’ फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जॉइंट कॉन्फ्रेंस में इस डील का ऐलान किया था।
बेहद अडवांस्ड हेलिकॉप्टर
MH-60-R जैसा जंग लड़ने की क्षमता वाला ऐंटी-सबरमीन SONAR हेलिकॉप्टर सेना के लिए बेहद अहम है। भारत को ज्यादा इंजन, खास मिसाइलों और Mk-54 टॉरपीडो की जरूरत थी। ब्लेयर ने बतया है कि कंपनी F-16 फाइटर जेट्स की विंग असेंबली भी हैदराबाद शिफ्ट करना चाहती है। इस साल के अंत तक यह काम भी पूरी किया जाने की संभावना है।