
फेसबुक की ओवरसाइट बोर्ड ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट के निलंबन को बरकरार रखा है। जिसके बाद वे सभी संभावनाएं खारिज हो गई है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि फेसबुक ट्रंप के अकाउंट से प्रतिबंध हटाने जा रहा है। बता दें कि जनवरी में वॉशिंगटन में अमेरिकी संसद (यूएस कैपिटल) पर हुए हमले के बाद फेसबुक ने ट्रंप को हिंसा के लिए उकसाने का आरोपी बताते हुए उनके अकाउंट को सस्पेंड कर दिया था।
फेसबुक को छह महीने के अंदर नियम बनाने को कहा : फेसबुक के इस अर्ध-स्वतंत्र ओवरसाइट बोर्ड ने ट्रंप के अकाउंट के सस्पेंशन को बरकरार रखने के पक्ष में अपनी राय जाहिर की है। हालांकि, इस बोर्ड ने फेसबुक को अगले छह महीने के अंदर अकाउंट सस्पेंशन को लेकर व्यापक दिशा-निर्देश बनाने को भी कहा है। इसमें यह तय किया जाएगा कि भविष्य में नियम तोड़ने वाले विश्व नेताओं के साथ फेसबुक कैसा व्यवहार करेगा ।
फेसबुक के ओवरसाइट बोर्ड में ‘वामपंथी’ ज्यादा : फेसबुक के ओवरसाइट बोर्ड में 20 लोग शामिल हैं, जिसमें पांच अमेरिकी हैं। कहा जाता है कि इस बोर्ड में वामपंथी रूझान रखने वाले सदस्यों की संख्या ज्यादा है। यह बोर्ड पिछले साल बनाया गया था जिसमें पहले चार सदस्य सीधे फेसबुक द्वारा चुने गए थे। उन शुरुआती सदस्यों ने सोशल मीडिया दिग्गज के साथ मिलकर दूसरों को चुनने का काम किया। ओवरसाइट बोर्ड के सदस्यों के वेतन का भुगतान फेसबुक करता है।
तब जुकरबर्ग ने कहा था- ट्रंप को अनुमति देना खतरनाक : फेसबुक के चीफ मार्क जुकरबर्ग ने ट्रंप के फेसबुक अकाउंट पर लगाए गए बैन का बचाव करते हुए कहा था कि ट्रंप को पोस्ट करने की अनुमति देने के जोखिम बस बहुत खतरनाक है। जुकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक ने राष्ट्रपति ट्रंप के पोस्ट को हटा दिया है क्योंकि हमने फैसला किया है कि उनका प्रयोग आगे हिंसा को भड़काने के लिए हो सकता है।
बोर्ड ने फेसबुक को भी खूब सुनाया : निलंबन को बरकरार रखते हुए बोर्ड को हालांकि उस तरीके में कमी नजर आई जिसके तहत फेसबुक ने यह फैसला लिया था। बोर्ड ने कहा कि फेसबुक के लिये अनिश्चितकाल के लिये निलंबन का अनिश्चित और मानकविहीन जुर्माना लगाना उचित नहीं था। फेसबुक के पास सात जनवरी को लगाए गए मनमाने जुर्माने के खिलाफ फिर से जांच कर कोई और जुर्माना तय करने के लिये छह महीने का समय है।
ट्विटर ने भी लगाया हुआ है बैन : बोर्ड ने कहा कि नया जुर्माना निश्चित रूप से स्पष्ट, अनिवार्य और आनुपातिक तथा गंभीर उल्लंघनों को लेकर फेसबुक के नियमों के मुताबिक होना चाहिए।फेसबुक अगर ट्रंप के खाते को बहाल करने का फैसला करता है तो कंपनी को आगे होने वाले उल्लंघनों का तत्काल पता लगाने में सक्षम होना चाहिए। ट्रंप को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी स्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया है।
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