भारत-नेपाल के बीच जारी विवादों पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच खुले तौर पर बातचीत होने के बाद ही इन समस्याओं का समाधान हो सकता है। भारत और नेपाल के बीच सबसे बड़ा विवाद सीमा को लेकर है।
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने शनिवार को कहा कि नेपाल और भारत के बीच समस्याओं का समाधान मुक्त संवाद और सौहार्दपूर्ण माहौल से हो सकता है। पूर्व प्रशासक सूर्यनाथ उपाध्याय की पुस्तक ”इंटरनेशनल वाटरकोर्सस लॉ: ए पर्सपेक्टिव ऑन नेपाल-इंडिया कोऑपरेशन” के विमोचन के अवसर पर ओली ने कहा, ”नेपाल और भारत के बीच ज्यादा नहीं, बहुत कम समस्याएं हैं और यदि हम सौहार्दपूर्ण माहौल एवं मुक्त संवाद को बनाए रखें तो उनका समाधान हो सकता है।”
ओली ने कहा, ”भारत हमारा मित्रवत पड़ोसी है और नेपाल और भारत की संस्कृति समृद्ध है, इसलिए हमें मुक्त संवाद करना चाहिए। हमारे खुलकर बात न कर पाने की अक्षमता के लिए केवल भू-राजनीतिक स्थिति को दोष नहीं दिया जा सकता। हमें सत्ता हासिल करने और उसे बनाए रखने के किसी भी खेल में शामिल नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ”पूर्व में, विदेशी संबंध देश की ताकत के आधार पर कायम होते थे…। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, किसी भी देश को अपने राष्ट्रीय हितों को अंतरराष्ट्रीय संधियों तथा समझौतों के अनुरूप उचित एवं न्यायसंगत तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए।” ओली ने जोर देकर कहा, ”साझा संसाधनों पर काम करते समय एकतरफा दृष्टिकोण नहीं होना चाहिए। यह आम सहमति और द्विपक्षीय चर्चा के आधार पर किया जाना चाहिए।”