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पाकिस्‍तान की संप्रभुता की रक्षा करेंगे, कश्मीर का मुद्दा हल हो… दूसरों की जमीन कब्जाने वाले चीन ने दिया ज्ञान, निशाने पर भारत


पाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन हो रहा है। इस मीटिंग में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पहुंचे हैं। वहीं चीन की ओर से प्रधानमंत्री ली कियांग पाकिस्तान पहुंचे हैं। चीन पाकिस्तान के नेताओं के बीच मीटिंग हुई। इस दौरान दोनों देशों के जॉइंट स्टेटमेंट में कश्मीर का मुद्दा उठाया गया।
पाकिस्तान में हो रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग पहुंचे हैं। चीन-पाकिस्तान के बीच बेहद करीबी संबंध हैं जो ली कियांग के स्वागत में साफ दिखा। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ खुद उन्हें रिसीव करने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे। ली कियांग ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ अलग-अलग मीटिंग की। दोनों देशों की ओर से जारी जॉइंट स्टेटमेंट में कश्मीर का मुद्दा उठाया गया है।
ली कियांग ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति के साथ मीटिंग में पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और समृद्धि के लिए चीन के अटूट समर्थन की पुष्टि की। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘दोनों देशों ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व और सभी लंबित विवादों के समाधान की जरूरत पर जोर दिया और किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया। पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू-कश्मीर की स्थिति के नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया।’
बयान में आगे कहा गया, ‘चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू और कश्मीर का विवाद इतिहास से बचा हुआ है। इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए।’
पाकिस्तान को बताया भाई – चीनी प्रधानमंत्री ली ने चीन और पाकिस्तान के बीच स्थायी दोस्ती की सराहना करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान और चीन सिर्फ पड़ोसी नहीं हैं, बल्कि भाई, साझेदार और दोस्त भी हैं।’ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में राष्ट्रपति जरदारी की भूमिका की सराहना की और वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देशों के आपसी सहयोग पर प्रकाश डाला। ली ने कहा, ‘राष्ट्रपति जिनपिंग के नेतृत्व में चीन और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक सहयोग गहरा होता रहेगा और दोनों देश अपनी साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।’
क्या हुई बातचीत – ली ने ताइवान, तिब्बत, हांगकांग, शिनजियांग और दक्षिण चीन सागर जैसे प्रमुख चीनी मुद्दों पर पाकिस्तान के रुख की सराहना की। उन्होंने आश्वस्त किया कि चीन पाकिस्तान की संप्रभुता और समृद्धि के लिए अपना समर्थन बनाए रखेगा। पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी ने घनिष्ठ संबंधों के महत्व को दोहराया। चीनी कर्मियों पर हमले को लेकर जरदारी ने कहा, ‘पाकिस्तान-चीन दोस्ती के दुश्मन CPEC और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वे सफल नहीं होंगे।’ उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर चीन के समर्थन का धन्यवाद दिया।