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भारत के ‘चाणक्य’ जयशंकर ने ऐसा क्या कह दिया जिससे तिलमिला उठा चीन? जिनपिंग के सरकारी भोंपू ने जमकर निकाली भड़ास


ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय विदेश मंत्री के बयान को बहाना बताया और दावा किया कि भारत जटिल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संभालने के लिए तैयार नहीं है। भारतीय विदेश मंत्री ने एक कार्यक्रम में चीन को भारत के लिए विशेष समस्या बताया था जो बाकी दुनिया की चीन समस्या अलग है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के चीन को विशेष समस्या बताने पर बीजिंग प्रशासन तिलमिला गया है। जयशंकर के बयान पर चीनी सरकार के भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने जमकर भड़ास निकाली है। ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय विदेश मंत्री के बयान को बहाना बताया और ये तक कह दिया कि भारत जटिल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संभालने के लिए तैयार नहीं है। ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘विदेश मंत्री का यह दावा कि एक विशेष चीन समस्या बाकी दुनिया की सामान्य चीन समस्या से कहीं ऊपर है, एक स्वार्थी बहाने की तरह लगता है।’
ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, ‘चीन में निवेश पर प्रतिबंधात्मक नीतियों ने भारत के अत्यधिक आलोचना वाले कारोबारी माहौल को और खराब कर दिया है। स्पष्ट रूप से भारत एक प्रमुख शक्ति से अपेक्षित परिपक्वता और परिप्रेक्ष्य के साथ जटिल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संभालने के लिए तैयार नहीं है।’
जयशंकर ने क्या कहा था? – विदेश मंत्री जयशंयर ने शनिवार को चीन के साथ भारत के जटिल संबंधों पर कहा कि भारत की अपनी विशेष चीन समस्या है। उन्होंने कहा कि भारत अकेला देश नहीं है, जो चीन के साथ समस्याओं का सामना कर रहा है। हमारे सहयोगी ईटी के वर्ल्ड लीडर्स फोरम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, सीमा पर हमारी अपनी मुश्किल स्थिति के अलावा एक सामान्य चीन समस्या है। हम एकमात्र देश नहीं हैं, जो चीन के बारे में बहस कर रहे हैं। यूरोप में जाइए और उनसे पूछिए कि आज आपकी प्रमुख आर्थिक या राष्ट्रीय सुरक्षा बहसें कौन सी हैं। यह चीन के बारे में है।
भारत के पास विशेष चीन समस्या – उन्होंने आगे कहा, ‘आप अमेरिका को देखिए। यह चीन से ग्रस्त है और कई मायनों में सही भी है। इसलिए हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि केवल भारत को ही चीन की समस्या है।’ जयशंकर ने कहा, ‘दशकों पहले दुनिया ने चीन की समस्याओं को नजरअंदाज़ करने का फैसला किया था। अब हर किसी के पास कोई न कोई समस्या है। भारत के पास एक विशेष ‘चीन समस्या’ है, जो दुनिया की ‘चीन समस्या’ से अलग है। चूंकि हमारी सीमा की स्थिति के अलावा एक सामान्य समस्या है, इसलिए समझदारी की बात यह है कि सावधानी बरती जाए, जो भारत जैसे देश को बरतनी चाहिए।’