
विपिन जोशी ने हमास के हमले के दिन 7 अक्टूबर 2023 को काफी बहादुरी दिखाई थी और अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए कई लोगों की जान बचाई थी। हमास ने पिछले महीने बंधकों की जो तस्वीरें जारी की थी, उनमें विपिन जोशी की भी तस्वीर थी। लेकिन अब उनकी मौत की जानकारी दी गई है।
गाजा में इजरायल के साथ शांति समझौते के बाद हमास ने सभी बंधकों को रिहा कर दिया है। लेकिन रिहा हुए बंधकों में विपिन जोशी कहीं नहीं थी। बेटे को रिहा हुए बंधकों में नहीं देखकर नेपाल के रहने वाले उनके माता-पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पिछले दो सालों से वो उम्मीद लगाकर बैठे थे कि एक ना एक दिन उनका बेटा वापस घर आ जाएगा, लेकिन अब हमास ने विपिन जोशी की मौत की बात करते हुए उनका शव सौंपने की बात कही है। बीबीसी और अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, विपिन जोशी का शव आज हमास, इजरायल को सौंपेगा। उसके बाद उनके शव को नेपाल लाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
हैरानी की बात ये है कि पिछले महीने ही हमास ने इजरायली बंधकों की जो तस्वीरें जारी की थी, उनमें विपिन जोशी की तस्वीर भी थी। इसीलिए सवाल उठ रहे हैं कि अगर वो 21 सितंबर तक जिंदा थे, तो फिर अचानक उनकी मौत कैसे हो गई? आखिर हमास ने एकमात्र हिन्दू बंधक की हत्या क्यों कर दी, जिसका इजरायल-हमास युद्ध से कोई लेनादेना भी नहीं था और वो सैकड़ों किलोमीटर दूर किसी और देश नेपाल का रहने वाला था।
आपको बता दें कि हमास ने जब 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था, तो उसमें नेपाल के 10 नागरिकों की भी हत्या कर दी गई थी। विपिन जोशी को अलुमिम किबुत्ज़ से बंधक बनाया गया था, जहां वो काम कर रहे थे। विपिन जोशी के हमास की कैद में जाने के बाद से ही नेपाल में उनके परिवार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए कोशिशें करनी शुरू कर दी थी। अगस्त महीने में विपिन की मां पद्मा और उनकी 17 साल की बहन पुष्पास इजरायल भी गई थीं। जहां वो तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर पर आयोजित बंधकों को रिहा करने के लिए आयोजित की गई रैलियों में शामिल हुईं थीं। लेकिन अब जबकि उनकी मौत हो चुकी है तो कोई ये नहीं बता रहा है कि आखिर पिछले 20-25 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि विपिन जोशी की हत्या कर दी गई? हमास ने विपिन जोशी की हत्या की वजह के बारे में कुछ नहीं बताया है।
Home / News / हमास की कैद में रहे एकमात्र हिन्दू नेपाल के विपिन जोशी के साथ क्या हुआ? जान पर खेलकर फेंका था आतंकियों का ग्रेनेड
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website