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क्या है रिश्ते का 3+1 रूल, इसे सीख लिया तो न छोड़कर जाएगी गर्लफ्रेंड और ना पत्नी


साइमन सिनेक ने रिलेशनशिप से जुड़ा 3+1 का रूल बताया है। इसमें उन्होंने चार ऐसी चीजों के बारे में बात की है, जो किसी भी रिश्ते को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। अगर उन चारों चीजों पर कपल ध्यान दे, तो उनके बीच झगड़े से लेकर अलग होने की आशंका काफी कम हो जाती है।
आज के समय में ऐसे कपल्स का प्रतिशत बढ़ चुका है, जिनके लिए रिश्ते को लंबे समय तक बरकरार रखना चुनौती बनता जा रहा है। चाहे गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड हों या फिर पति-पत्नी, दोनों ही तरह की रिलेशनशिप्स बहुत तेजी से बिखर रही हैं। ऐसे में 3+1 के रूल को समझने की जरूरत बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। ये मॉर्डन समय में आ रहे बदलावों और चुनौतियों का सामना करने में जोड़े को सक्षम बना सकता है।
लेखक और इंस्परेशनल स्पीकर साइमन सिनेक के बताए इस नियम को अगर समझ लिया जाए और रिश्ते की शुरुआत से ही इसे लागू कर लिया जाए, तो गर्लफ्रेंड या फिर पत्नी से अलग होने की गुंजाइश काफी हद तक कम हो सकती है। तो क्या है ये मैथ्स के आंकड़े लिया हुआ अनोखा लेकिन काम का रूल, चलिए आपको भी बताते हैं।
बौद्धिक अनुकूलता (इंटलेक्चुअल कम्पेटबिलटी) – इसका अर्थ जोड़े के बीच में सीखने और सिखाने की समान प्रवृत्ति की मौजूदगी है। दो लोगों के बीच में जब इंटलेक्चुअल कम्पेटबिलटी होती है, तो वो एक-दूसरे को आगे बढ़ने में मदद करने के साथ ही हमेशा कुछ नया सीखने की भी कोशिश करते हैं। इनके बीच की बातचीत काफी लंबी और गहरी होती है। ये खूबियां रिश्ते में नयापन और सम्मान का भाव भरपूर तरीके से भरती हैं।
भावनात्मक अनुकूलता (इमोशनल कम्पेटबिलटी) – किसी भी हेल्दी रिलेशनशिप के लिए ये सबसे जरूरी चीज है। एक-दूसरे की भावनाओं को समझना और भावनात्मक जरूरतों को पूरा करना कपल के बॉन्ड को मजबूती देने का काम करता है। इसकी गैरमौजूदगी में रिश्ता बिखरने में देर नहीं लगती।
शारीरिक संबंध से जुड़ी अनुकूलता (सेक्शुअल कम्पेटबिलटी) – साइमन के मुताबिक, सेक्शुअल कम्पेटबिलटी महज फिजिकल अट्रैक्शन नहीं है। जिन जोड़ों के बीच में इसे लेकर अनुकूलता होती है, वो एक-दूसरे की जरूरतों को समझते हैं, उसे लेकर खुलकर बात करते हैं और उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। ये चीज कपल इंटिमेसी को मजबूत बनाने में मदद करती है।
तो ये +1 क्या है? – ऊपर बताई गई तीन कम्पेटबिलटी के अलावा एक और फैक्टर है, जो रिश्ते को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। इसीलिए साइमन ने इसे 3 के साथ +1 यानी अलग जगह दी है।
ये वह स्थिति है, जो समय, परिस्थितियों आदि से जन्मी होती हैं। इस पर किसी भी जोड़े का नियंत्रण नहीं होता है। हालांकि, अगर ऊपर बताई गई तीनों चीजें रिश्ते में मजबूती से मौजूद हो, तो जोड़ा इस अप्रत्याशित स्थिति का भी साथ मिलकर सामना करते हुए अपने रिश्ते को बरकरार रख सकता है।