
हमसभी में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसने शादी ना देखी होगी। हिंदू शास्त्र के मुताबिक, शादी की रस्मों से लेकर शुभ कार्यों में लडक़ी-लडक़े के बाईं ओर ही रहती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। दरअसल, इसके पीछे क्या कारण है तो इसका जवाब बताते है, आइए जानते है।
1. कहते हैं स्त्री को प्रेम और ममता का प्रतीक माना जाता है और उनमें रचनात्मकता बचपन से ही होती है इसलिए पत्नी का बायीं ओर होना शुभ माना जाता है और उनके इस ओर रहने से कामों में शुभता आ जाती है।
2. कहते हैं कि पुराणों के अनुसार स्त्रियों का बायां हिस्सा शुभ होता है क्योंकि उसमे देवी मां का वास होता है। दरअसल शरीर और ज्योतिष, दोनों में विज्ञान में पुरुष के दाएं और स्त्री के बाएं भाग को शुभ और पवित्र माना गया है।
3. आप सभी ने देखा ही होगा कि हस्तशास्त्र में भी लडक़े के दाएं और लडक़ी का बायां हाथ देखा जाता है क्योंकि ऐसा मानते है कि शरीर में मस्तिष्क का बायां हिस्सा उसकी रचनात्मकता तथा दायां हिस्सा कर्म का प्रतीक होता है।
4. वहीं अगर पुराणों की माने तो महिलाएं अपने दिल से सोचती हैं और क्रियाशील मानी जाती हैं इस वजह से उनका बायां अंग अहम होता है वहीं बात करें लडक़ो की तो लडक़े दिमाग से काम करते हैं इसलिए उनका दायां हिस्सा जरूरी होता है।
5. कहते हैं हिंदू धर्म के अनुसार पत्नी को वामांगी माना जाता है और इस कारण से शादी से लेकर अन्य शुभ कार्यों में पत्नी पति के बाईं ओर ही रहती है।
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