
पाकिस्तान के कबायली नेताओं ने खैबर पख्तूनख्वा के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा चुके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को पीछे हटने के लिए मना लिया है। इससे खैबर पख्तूनख्वा के एक बड़े हिस्से में शांति स्थापित करने की संभावना बढ़ गई है। इस इलाके में पाकिस्तानी सेना भी घुसने से डरती है।
पेशावर: पाकिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) सोमवार को स्थानीय कबायली नेताओं के साथ बातचीत के बाद खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के तिराह घाटी से हटने पर सहमत हो गया। माना जा रहा है कि इससे सूबे के हिंसा प्रभावित सीमावर्ती क्षेत्र में अस्थायी शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी। टीटीपी ने इस इलाके के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाया हुआ है, जहां पाकिस्तानी सेना भी घुसने की हिम्मत नहीं करती है।
कबायली नेताओं ने टीटीपी को कैसे मनाया
वार्ता में शामिल एक कबायली नेता ने बताया कि स्थानीय नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने टीटीपी के कमांडरों से मुलाकात की और उन्हें चार अगस्त को हस्ताक्षरित एक लिखित समझौते की याद दिलाई, जिसके तहत चरमपंथियों ने हमलों या विध्वंसकारी गतिविधियों के लिए स्थानीय घरों का उपयोग नहीं करने का वादा किया था।
कबायली नेताओं ने बताया कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच झड़पों से स्थानीय आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि कुछ सशस्त्र समूह अब भी निजी घरों पर कब्जा कर रहे हैं और निवासियों को घर खाली करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
Home / News / पाकिस्तानी सेना जो नहीं कर सकी, वो कबायली नेताओं ने कर दिखाया, टीटीपी पीछे हटने को तैयार, लौटेगी शांति?
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