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अधूरी पढ़ाई पूरी करने को कब चीन लौटेंगे विदेशी छात्र? ड्रैगन की चुप्पी से लाखों युवाओं का अधर में भविष्य


कोरोना वायरस पर जीत का दावा कर रहा चीन अब विदेशी छात्रों को अपने देश में बची हुई पढ़ाई को पूरा करने के लिए बुलाने में आनाकानी कर रहा है। ये छात्र कोरोना वायरस महामारी से पहले चीन के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में अपनी पढ़ाई करते थे। संक्रमण के फैलने के बाद चीनी प्रशासन ने इस युवाओं को उनके-उनके देश वापस भेज दिया था। तब कहा गया था कि भविष्य में महामारी के खत्म होने पर बचा हुआ कोर्स पूरा करने के लिए इन्हें वापस बुलाया जाएगा। हालाकि, चीन अब ऐसे सवालों पर कन्नी काट रहा है।
कोई भी समयसीमा बताने से किया इनकार : चीन ने मंगलवार को विदेश छात्रों के वापस लौटने की कोई भी समयसीमा बताने से इनकार कर दिया। जिसके बाद चीन के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीयों तथा विदेशी छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। चीन सरकार से पूछा गया था कि ये छात्र वैक्सीन लगवाने समेत कोविड-19 से सभी प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद अपने देश से वापस लौटना चाहते हैं। जिसपर चीन ने अपना अस्पष्ट रुख बनाए रखा।
छात्रों ने चीन की सरकार से वापसी के लिए अपील की : जनवरी में फेसबुक पर एक खुले पत्र में छात्रों ने चीन की सरकार से अपील की थी कि यात्रा पाबंदी हटाई जाए और उन्हें पढ़ाई के लिए लौटने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि वे जरूरी जांच कराने और पृथक-वास प्रक्रियाओं का पालन करने समेत कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। दुनियाभर के अनेक हिस्सों से 4.40 लाख से अधिक विदेशी छात्र चीन में अध्ययन करते हैं। इनमें करीब 25,000 भारतीय छात्र भी हैं। इनमें से अधिकतर विद्यार्थी विभिन्न चीनी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं।
ऑनलाइन कक्षाएं करने की सलाह दे रहा चीन : कोविड-19 संबंधी पाबंदियों का जिक्र करते हुए चीन छात्रों को लगातार ऑनलाइन कक्षाएं करने की सलाह दे रहा है। हालांकि छात्रों का कहना है कि उनमें से अधिकतर विज्ञान विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें प्रयोगशालाओं में जाने की जरूरत है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सोमवार को जारी चीन का कोविड-19 अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रमाणपत्र केवल चीन वासियों पर लागू है।