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WHO ने कोरोना मौतों के गलत आंकड़ों पर किया चीन का बचाव, दी सफाई


चीन और कोरोना वायरस मामलों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पश्चिमी देशों के निशाने पर है। यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए फंड भी रोक दिया है । लेकिन WHOएक बार फिर इस मामले में चीन के बचाव में उतर आया है। WHO मौत के आंकड़ों को लेकर सीधे-सीधे चीन का बचाव कर रहा है। WHO ने शुक्रवार को कहा कि जिस तरह चीन ने अपना संशोधित आंकड़ा पेश किया है आने वाले दिनों में दूसरे देश भी ऐसा कर सकते हैं। दरअसल, चीन पर आंकडे़ छुपाने के आरोप लग रहे थे।
इस बीच उसने शुक्रवार को संशोधित आंकड़ा पेश किया जिसके बाद उसके यहां हुई मौतों की संख्या 4 हजार से ऊपर बताई जा रही है जो कि पहले चार हजार से काफी कम थी। वहीं कोरोना के केंद्र वुहान शहर में मृतकों की संख्या में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है। WHO ने शु्क्रवार को चीन के पक्ष में बयान जारी करते हुए कहा कि वुहान में संक्रमण बहुत तेजी से फैला और प्राधिकारियों के लिए हर मौत एवं संक्रमण के मामले को दर्ज करना मुश्किल हो गया। कोरोना संबंधी तकनीकी मामलों के लिए WHOका नेतृत्व कर रही मारिया वान केरखोव ने कहा, ‘संक्रमण जारी रहने के दौरान हर मामले और हर मौत को पहचानना चुनौतीपूर्ण होता है।’ उन्होंने यहां वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मेरा अनुमान है कि कई देशों में ऐसी ही स्थिति पैदा होगी, जब उन्हें पीछे मुड़कर अपने रिकॉर्ड की समीक्षा करनी होगी और देखना होगा: क्या हमने सभी मामलों को पहचाना?’
उल्लेखनीय है कि WHO से पहले चीन भी संशोधित आंकड़ों को लेकर ऐसी ही सफाई दे चुका है। WHO अधिकारी ने कहा कि वुहान में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर काम का बहुत दबाव था, कुछ मरीजों की घर में ही मौत हो गई और अन्य लोग अस्थायी केंद्रों में थे। मेडिकल स्टाफ का ध्यान मरीजों के उपचार पर था, इसलिए उन्होंने समय पर कागजी काम नहीं किया। WHO में आपात मामलों के निदेशक माइकल रेयान ने कहा, ‘सभी देश ऐसी स्थिति का सामना करेंगे।’ लेकिन उन्होंने देशों से जल्द से जल्द सटीक आंकड़े मुहैया कराने की अपील की।
बता दें कि अमेरिका सहित कुछ पश्चिमी देशों ने चीन के आंकड़े पर शक जाहिर किया है। माना जाता है कि ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI6 और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने अपनी-अपनी सरकारों को यह जानकारी दी थी कि चीन ने जो आंकड़े बताए हैं, वास्तविक संख्या उससे ज्यादा है जिसके बाद से ही चीन पर आंकड़े छुपाने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। यहां तक कि WHO भी इनके निशाने पर आ गया और अमेरिका ने हर साल दिए जाने वाले 40 करोड़ के फंड पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि संयुक्त राष्ट्र का यह संगठन चीन का बहुत अधिक पक्ष ले रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर कोरोना मामले में गैरजिम्मेदार रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया।