
डेढ़ साल से अधिक समय से यूक्रेन-रूस के बीच चल रहा युद्ध अभी समाप्त नहीं हुआ था कि मिडिल ईस्ट में भी एक बार फिर जंग के हालात पैदा हो गए हैं। इजराइल और हमास एक बार फिर से भिड़ गए हैं। फिलीस्तीनी चरमपंथी ग्रुप हमास ने गाजा पट्टी से इजराइल पर मिसाइल हमला बोला है जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। खतरनाक बात यह है कि इस बार हमास ने एक या दो मिसाइलों से हमला नहीं बोला है, बल्कि इजराइल पर 5000 रॉकेट दागे हैं। हैरानी भरी बात यह है कि हमास ने इजराइल पर यह हमला अचानक किया है, जिसके लिए वह तैयार नहीं था। हमास ने सिर्फ हवाई हमला ही नहीं किया है, बल्कि जमीनी घुसपैठ भी की है। गाजा पट्टी से सटे इजराइली गांवों और कस्बों में चरमपंथियों ने घुसकर गोलीबारी की जिसमें कई इजराइली नागरिकों और सैनिकों की मौत हो गई।
फिलीस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास की स्थापना 1980 के दशक में हुई। ये एक राजनीतिक पार्टी है। अरबी में हमास का मतलब ‘इस्लामिक रेजिसटेंस मूवमेंट’ होता है। हमास की स्थापना शेख अहमद यासीन ने की थी और वह 12 साल की उम्र से ही व्हीलचेयर पर थे। शेख अहमद यासीन इस चरमपंथी ग्रुप के धार्मिक नेता थे। 2004 में इजराइली हमले में उनकी मौत हो गई। 1990 के दशक से ही हमास ने खुद को एक सैन्य संगठन के तौर पर स्थापित करने का काम किया। हमास गाजा स्ट्रिप से ऑपरेट करता है। यहां पर वह सरकार चलाता है और लोगों की मदद करता है। इसका एक मिलिट्री विंग है, जिसका नाम ‘इज्जेदीन अल-कासम ब्रिगेड’ है। ये ब्रिगेड ही इजराइल के ऊपर हमला करने का काम करती है।
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