
धनतेरस पर कई वस्तुओं की खरीदारी की जाती है। मसलन बर्तन, सोना, चांदी, भूमि-मकान और वाहन। लेकिन इन सबके अलावा एक विशेष वस्तु है झाड़ू जो कि धनतेरस के दिन खरीदना आवश्यक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यूं किया जाता है? अगर नहीं तो यह लेख आपके बहुत काम का है। तो आइए जान लेते हैं कि क्यूं करते हैं ऐसा और इस बारे में क्या कहता है मत्स्य पुराण?
-मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। वहीं, बृहत संहिता में झाड़ू को सुख-शांति बढ़ाने और दरिद्रता हटाने वाली माना जाता है। यही नहीं मान्यता तो यह भी है कि धनतेरस के दिन अगर घर में नई झाड़ू लाई जाए तो धन संबंधित परेशानियों से भी राहत मिलती है।
-ज्योतिषशास्त्र के अनुसार धनतेरस के दिन जब भी झाड़ू खरीदें तो उसकी संख्या का विशेष ख्याल रखें। कहते हैं कि धनतेरस के दिन तीन झाड़ू खरीदना अत्यंत शुभ होता है। लेकिन जोड़े में यानी कि दो या फिर चार की संख्या में झाड़ू खरीदने से बचें।
-धन लाभ पाने की कामना हो तो इसके लिए धनतेरस के दिन झाड़ू खरीद लें। इसके बाद उसे दिवाली के दिन सूरज निकलने से पहले किसी मंदिर में दान कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में देवी लक्ष्मी का वास हमेशा बना रहता है।
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