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चीन ने आखिर 8 महीने बाद क्यों जारी किया गलवान घाटी झड़प का वीडियो? जानें इनसाइड स्टोरी


चीन ने लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसा का वीडियो जारी कर अचानक सबको चौंका दिया। किसी ने भी उम्मीद नहीं की थी कि झड़प के 8 महीने बाद अपने सैनिकों के मौत का सच स्वीकारने वाला चीन इतनी जल्दी इस घटना से जुड़ी कोई वीडियो जारी करेगा। हालांकि, ड्रैगन के इस अप्रत्याशित कदम को पूरी दुनिया में शक की निगाह से देखा जा रहा है। कई सामरिक विशेषज्ञों ने भी इस वीडियो को चीनी प्रॉपगैंडा का नया तरीका बताया है।
विक्टिम कार्ड खेल रहा चीन : दरअसल, इस वीडियो को जारी कर खुद को विक्टिम दिखाने की कोशिश कर रहा है। चीन इस एडिटेड के जरिए यह जताना चाहता है कि हिंसा की शुरुआत भारत ने की थी। जबकि, सच्चाई से पूरी दुनिया वाकिफ है। ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के रिसर्चर नाथन रुसर ने दावा किया है कि जियोलोकेटर की मदद से पता चलता है कि झड़प वाली जगह भारतीय सीमा के अंदर लगभग 50 मीटर अंदर थी।
सैनिकों की वापसी से घर में ही घिरा हुआ है ड्रैगन : दरअसल चीन लद्दाख में तनाव के शुरू होने के बाद से ही चौतरफा घिरा हुआ है। भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई ने तो पहले से ही पीएलए के सैनिकों के हौसले तोड़ दिए थे। इस बीच पैंगोंग झील से सैनिकों की वापसी को लेकर चीन की अपने ही देश में खासी आलोचना हो रही थी। चीनी लोग सेना और कम्युनिस्ट पार्टी से सवाल पूछ रहे थे कि इतने दिनों से जारी तनाव के बाद आखिर सेना पीछे क्यों लौट रही है।
चीन मामलों के जानकार और ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के रिसर्चर नाथन रुसर ने दावा किया है कि जियोलोकेटर की मदद से पता चलता है कि झड़प वाली जगह भारतीय सीमा के अंदर लगभग 50 मीटर अंदर थी। एक चट्टान पर पहुंचने और नदी पार करने से पहले भारतीय सेनाओं के फुटेज में घाटी के दक्षिण की ओर चलते देख सकते हैं। मुझे विश्वास है कि वह पत्थर भारतीय सीमा में हरे रंग से घेरे गए स्थान पर स्थित है। ऐसे में यह दावा सही साबित होता दिखाई दे रहा है कि चीनी सेना ने भारतीय इलाके में घुसकर हमला किया था।
भारतीय सेना ने गलवान में चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया था। यही कारण है कि चीनी सेना को यहां भारी नुकसान उठाना पड़ा था। भारतीय सेना के कई उच्च अधिकारियों ने भी यह स्वीकार किया है कि इस इड़प में चीन के कम से कम 50 जवान हताहत हुए थे। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास ने तो कुछ दिन पहले ही लिखा था कि गलवान में चीन के 45 सैनिकों की मौत हुई थी। हालांकि, तब से लेकर कलतक चीन इस हमले में अपने सैनिकों के मारे जाने की बात को स्वीकार करने से डर रहा था।
दरअसल चीन लद्दाख में तनाव के शुरू होने के बाद से ही चौतरफा घिरा हुआ है। भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई ने तो पहले से ही पीएलए के सैनिकों के हौसले तोड़ दिए थे। इस बीच पैंगोंग झील से सैनिकों की वापसी को लेकर चीन की अपने ही देश में खासी आलोचना हो रही थी। इसमें बची हुई कसर रूस की न्यूज एजेंसी तास ने पूरा कर दिया। लोगों को तास की खबर पर इसलिए ज्यादा भरोसा है क्योंकि गलवान में हिंसक झड़प के बाद रूस के कहने पर भी भारत और चीन के बीच राजनीतिक स्तर पर पहली बातचीत हुई थी।
ग्लोबल टाइम्स ने गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प का वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में नदी के किनारे चीनी पोस्ट दिखाई दे रही है। जिसके बाद के सीन में भारतीय सेना के एक अधिकारी आक्रामक चीनी सैनिकों के साथ खड़े दिखाई देते हैं। इस घटना के तुरंत बाद सैकड़ों की संख्या में चीनी सैनिक लाठी-डंडों के साथ भारतीय सैनिकों को घेरते नजर आते हैं। इसके बाद के सीन में कई चीनी सैनिक घायल अवस्था में जमीन पर पड़े हुए दिखाई देते हैं। वीडियो के अंत में गलवान हिंसा में मारे गए चीनी सैनिकों की तस्वीरों को दिखाया गया है।
चीन की सेना ने गलवान घाटी में भारतीय जवानों के हाथों मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और एक वीडियो भी जारी किया है। चीन ने मारे गए 4 सैनिकों के नाम भी बताए हैं। ये हैं-चेन होंगजून, चेन श‍िआंगरोंग, शियाओ सियुआन, वांग झुओरान। चीनी सेना ने कहा कि इन सैनिकों ने राष्‍ट्रीय संप्रभुता और अपनी जमीन की रक्षा करते हुए जान दे दी। मारे गए चीनी सैनिकों में एक बटैलियन कमांडर और तीन सैनिक थे। संघर्ष के दौरान चीनी सेना का रेजिमेंटल कमांडर गंभीर रूप से घायल हो गया था।
चीन के सेंट्रल मिल‍िट्री कमीशन ने कि फाबाओ को ‘हीरो’ के अवार्ड से सम्‍मानित किया है। चीन ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने अवैध तरीके से गलवान घाटी में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा को पार किया था। चीनी सेना ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना स्‍टील की ट्यूब, लाठी और पत्‍थरों से पीएलए के सैनिकों पर हमला किया। चीनी सेना के अखबार पीएलए ने कहा, ‘अप्रैल 2020 से विदेशी सेना (भारत) ने पहले हुए समझौतों का उल्‍लंघन किया…वे सीमा में घुस आए ताकि सड़कें और पुल बनाया जा सके।’
45 सैनिकों मौत के दावे से परेशान था चीन : इसमें बची हुई कसर रूस की न्यूज एजेंसी तास ने पूरा कर दिया। तास ने 10 फरवरी को अपनी खबर में गलवान हिंसा में चीन के 45 सैनिकों के मौत का दावा किया था। जिसके बाद से चीन में हड़कंप मचा हुआ था। चीन सहित दुनियाभर के लोगों को तास की खबर पर इसलिए ज्यादा भरोसा है क्योंकि गलवान में हिंसक झड़प के बाद रूस की अगुवाई में ही भारत और चीन के बीच राजनीतिक स्तर पर पहली बातचीत हुई थी।