अमेरिकी मीडिया सीएनएन के अनुसार, भारत के पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले के बाद अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा। सीएनएन ने दावा किया कि अमेरिका को डर था कि भारत ने पाकिस्तान को घेर लिया है, जिससे परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता पर कुछ नहीं कहा है।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर अमेरिकी मीडिया सीएनएन (CNN) ने नया दावा किया है। सीएनएन ने दावे में कहा है कि भारत के पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने पर हवाई हमले के बाद अमेरिका को बीचबचाव के लिए आना पड़ा। इसमें कहा गया कि अमेरिका को डर लगने लगा कि भारत ने पाकिस्तान को घेर लिया है और इससे दोनों पक्ष परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के अकल्पनीय विकल्प तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष में अमेरिका की मध्यस्थता को खारिज किया है। भारत ने दो-टूक शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम दो पक्षों के बीच हुई बातचीत का परिणाम है।
भारत के हमलों से घबराया पाकिस्तान – सीएनएन के कार्यक्रम में फरीद जाकरिया ने फॉरेन पॉलिसी मैगजीन के एडिटर इन चीफ रवि अग्रवाल से पूछा कि इसका क्या मतलब है कि आखिरकार अमेरिका को एहसास हुआ कि उसे इसमें शामिल होना ही होगा? इस पर रवि अग्रवाल ने जवाब दिया- ऐसा कुछ हुआ, और यह सब इतनी जल्दी हुआ। तो यह पूरा संघर्ष मूल रूप से लगभग चार दिनों तक चला। और जब भारत ने गुरुवार और शुक्रवार के आसपास पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला करना शुरू किया, तो याद रखें, यह 1971 के बाद से पाकिस्तानी क्षेत्र में सबसे अंदर तक किया गया हमला था।
अमेरिका ने इस कारण किया हस्तक्षेप? – उन्होंने आगे कहा, “रिपोर्टिंग से संकेत मिलता है कि इसके कुछ हमले पाकिस्तान के परमाणु कमान केंद्रों में से एक के करीब से गुजरे। और यह अमेरिका के लिए यह संकेत हो सकता है कि इस्लामाबाद को घेर लिया गया है। और अगर वे इसमें शामिल नहीं होते हैं तो यह आगे बढ़कर अकल्पनीय विकल्प तक पहुंच सकता है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाए।”