
चीन इस वक्त भीषण ठंड से जूझ रहा है। कई प्रांतों में तो पारा माइनस में पहुंच गया है। इस बीच चीनी मौसम वैज्ञानिकों कुछ महीने बाद चिलचिलाती गर्मी की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अल नीनो प्रभाव के कारण चीन को चरम गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। इस साल चीन में 1850 के बाद से अब तक के सबसे गर्म तापमान से लेकर कड़ाके की ठंड तक का दौर देखा गया है। इस कारण दिसंबर की शुरुआत में देश के कई हिस्से जम गए। चीन के राष्ट्रीय जलवायु केंद्र के मुख्य विशेषज्ञ झोउ बिंग ने राज्य प्रसारक सीसीटीवी की एक रिपोर्ट में कहा कि 2024 अधिक गर्म हो सकता है और यह एक ऐसा वर्ष भी हो सकता है जब चरम मौसम और अधिक शक्तिशाली हो सकता है।
चीन में पिछले साल गर्मी ने तोड़ा था रिकॉर्ड – पिछली गर्मियों में बीजिंग में रिकॉर्ड गर्मी देखी गई, जबकि देश के शुष्क उत्तर-पश्चिम में एक दूरदराज के शहर में दिन में तापमान 52 डिग्री सेल्सियस (126 फ़ारेनहाइट) दर्ज किया गया। यह चीन में गर्मी का नया रिकॉर्ड था। वहीं टाइफून के कारण चीन के उत्तर में भी रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, जिससे बड़े पैमाने पर बाढ़ आई। चीन को डर है कि अगर मौसम ने साथ नहीं दिया तो पहले से ही मुश्किलें झेल रही उसकी अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुंच सकता है। वहीं, मौसम का असर सीधे तौर पर फसल उत्पादन पर देखा जा सकता है।
अल नीनो प्रभाव क्या है – अल नीनो हर दो से सात साल में होने वाली जलवायु घटना से संबंधित है, जहां प्रशांत क्षेत्र में भूमध्य रेखा के पास का पानी सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है, जिससे दुनिया के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा, तूफान या सूखा पड़ता है। इस साल का अल नीनो जून में शुरू हुआ और इसने दुनिया भर में तापमान की नई ऊंचाई तय कर दी है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अल नीनो अगले साल अप्रैल और जून के बीच फीका पड़ सकता है, लेकिन चूंकि इसका प्रभाव दिखने में कई महीने लगेंगे, इसलिए 2024 में तापमान के और भी रिकॉर्ड टूट सकते हैं।
Home / News / भीषण ठंड से कांप रहे चीन को अभी से क्यों सता रही गर्मी की टेंशन, विशेषज्ञों की चेतावनी जानें
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