टीटीपी के खूनी हमलों के बीच अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश में जुटी पाकिस्तानी सेना और वहां की कठपुतली सरकार को करारा झटका लगा है। पाकिस्तान की सरकार ने तालिबान की सरकार पर टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया है। इसके लिए जहां पाकिस्तान ने लाखों अफगान शरणार्थियों को वापस भेज दिया है, वहीं चारों तरफ जमीन से घिरे अफगानिस्तान के व्यापार को भी रोकने की कोशिश की है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि बॉर्डर को बंद करने से तालिबान झुक जाएगा लेकिन अब अफगान सरकार ने इसका तोड़ निकाल लिया है। तालिबान ने ईरान में भारत के बनाए चाबहार और बंदरअब्बास बंदरगाह का इस्तेमाल दुनिया से सामान मंगाने और अपना माल भेजने के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इससे अफगान आयात-निर्यात में 70 फीसदी की गिरावट आ गई है।
यही नहीं पाकिस्तान की सरकार ने पिछले साल अफगानिस्तान के आयात करने पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे और अफगान व्यापारियों से बैंक गारंटी मांगने शुरू कर दिए थे। इससे तालिबान को व्यापार करने में दिक्कत आने लगी। इससे निपटने के लिए तालिबान ने भारत, ईरान और ताजिकिस्तान से मदद मांगी। इसके बाद चाबहार के रास्ते व्यापार की शुरुआत हो गई। तालिबान के इस कदम से पाकिस्तान की चाल फेल हो गई है। अब तक अफगान सरकार दशकों से पाकिस्तान के कराची बंदरगाह के रास्ते दुनिया से आयात और निर्यात करता था। इससे पाकिस्तान को भारी कमाई होती थी लेकिन अब व्यापार में 70 फीसदी की गिरावट आ गई है।
पाकिस्तानी पत्रकार कामरान युसूफ के मुताबिक इस व्यापार में सहयोग करने के लिए पाकिस्तान के 20 हजार लोगों को नौकरी मिली हुई थी लेकिन अब उनकी जॉब पर भी संकट आ गया है। इससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के कारण व्यापार में बहुत ज्यादा गिरावट आ गई है। वहीं तालिबान ने साफ कर दिया है कि वह अब पाकिस्तान के आगे नहीं झुकेगा। पाकिस्तान की तालिबान को ब्लैकमेल करने की चाल बुरी तरह से फेल हो गई है। वहीं पाकिस्तान के सामने टीटीपी का खतरा ठीक वैसे ही बना हुआ है।
Home / News / भारत की मदद से तालिबान ने पाकिस्तान को सिखाया सबक, मुनीर की चाल फेल, 20 हजार की नौकरी पर खतरा