दशकों तक खुद को अलग-थलग रखने और धार्मिक-सामाजिक बंधनों के बाद सऊदी अरब परिवर्तनकारी बदलाव से गुजर रहा है। सऊदी अब अपनी युवा आबादी को उन बंधनों से मुक्त कर रहा है, जो पिछली पीढ़ियों को अपने सपने पूरा करने से रोकते थे। 20वीं सदी की सख्ती के उलट सऊदी के युवा अब अपनी पसंद के करियर को आगे बढ़ा सकते हैं और मनोरंजन स्थलों पर घूम रहे है, जहां पुरुषों और महिलाओं को आपस में मिलने-जुलने की अनुमति है। ये ऐसी सामाजिक स्वतंत्रताएं हैं, जिन्हें लंबे समय तक सऊदी के समाज में वर्जित माना जाता था। सऊदी महिलाओं को खासतौर से बीते सालों में कई अधिकार मिले हैं। महिलाओं को ड्राइविंग, शैक्षिक और यात्रा विकल्पों में आजादी मिली है। आर्थिक, कानूनी और सामाजिक परिवर्तनों ने महिलाओं के अधिकारों को व्यापक सुधार एजेंडे के तहत बदल दिया है। इन बदलावों के पीछे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सोच है। मोहम्मद बिन सलमान को 2015 में उनक पिता किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज के सिंहासन पर बैठने के दो साल बाद क्राउन प्रिंस बनाया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे उनके हाथ में ही सऊदी की वास्तविक सत्ता आ गई है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वर्ष वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी 36 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो 2016 के आंकड़े से दोगुनी है। ऐसा संरक्षकता कानूनों में ढील के कारण हुआ है। अब सऊदी में 21 साल से ज्यादा की महिलाओं को घर से बाहर जाने, विवाह का पंजीकरण कराने या पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए किसी पुरुष रिश्तेदार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। वाशिंगटन स्थित अरब गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ रेजिडेंट स्कॉलर क्रिस्टिन स्मिथ दीवान ने कहा, ‘सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश ने वास्तव में युवा सउदी लोगों के लिए सामाजिक और व्यावसायिक स्थान खोल दिया है। इससे आए बदलाव को कार्यस्थल, पारिवारिक जीवन और डेटिंग तथा विवाह जैसे क्षेत्रों में देखा जा सकता है।
Home / News / सऊदी में महिलाएं घरों से निकलीं, युवा डेटिंग ऐप पर ढूंढ़ रहे जीवनसाथी, प्रिंस सलमान ने यूं बदला रूढ़िवादी मुस्लिम देश