उज्जैन : क्षिप्रा नदी में शाही स्नान के लिए आज सुबह जूना अखाड़ा के साधु संतों के पहुंचने के साथ ही हिंदुओं का सबसे बड़ा समागम और एक माह तक चलने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला यहां शुरू हो गया। भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में हर 12 साल के अंतराल में एक बार होने वाले सिंहस्थ मेले में पवित्र स्नान करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग यहां आए हैं।
देश में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग उज्जैन में है। क्षिप्रा नदी के तट पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं और सभी 13 अखाड़ों के साधु तथा संत एक के बाद एक करके पवित्र स्नान करेंगे। एक माह तक चलने वाले कुंभ मेले के लिए उज्जैन पूरी तरह तैयार है। इस दौरान साधु-संतों सहित करीब पांच करोड़ लोगों के उज्जैन पहुंचने का अनुमान है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह ‘‘हरित सिंहस्थ’’ होगा। मेले की पूर्व संध्या पर, कल चौहान ने कहा ‘‘मेले के दौरान उज्जैन और अन्य पवित्र स्थलों पर पांच करोड से अधिक लोगों के पहुंचने का अनुमान है। इसके लिए सुरक्षा से लेकर हर तरह के इंतजाम किए गए हैं। विभिन्न जिलों से पुलिस बलों को उज्जैन लाया गया है। उज्जैन भगवान महाकालेश्वर की नगरी है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक यहां है।’’
सिंहस्थ के शुरूआती दिन कांग्रेस महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी गौघाट पर स्नान किया। इस बार किन्नरों ने भी मेला क्षेत्र में अपना ‘अखाड़ा’ स्थापित किया है और शहर में उन्होंने सफलतापूर्वक अपना जुलूस भी निकाला जिसका लोगों ने भव्य स्वागत किया।
उज्जैन रेंज के पुलिस महानिरीक्षक आईजीपी मधु कुमार ने बताया ‘‘पवित्र क्षिप्रा नदी के तट पर कुंभ मेले में करीब पांच करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है जिसके लिए पूरे जिले में सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं।’’ उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य पुलिस कर्मियों, केंद्रीय बलों तथा अन्य विभागों के कर्मियों सहित 22,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। कुमार ने बताया ‘‘क्षिप्रा नदी में शाही स्नान के समय 25,000 सुरक्षा कर्मी मेला स्थल पर नजर रोंगे।’’