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जोक्स : दिमाग का दही और दोस्तों की शादी

दिमाग का दही
बेटी– मां मुझे कुछ ताजा हवा चाहिए। क्या मैं बाहर चली जाऊं?
मां– हां लेकिन अपनी ‘ताजी हवा’ से कहना 8 बजे से पहले घर छोड़ दे।
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दो दोस्त शादी के सालों बाद मिले।
पहला दोस्त – औरभाई कैसी है तेरी बीवी?
दूसरा दोस्त – स्वर्ग की अप्सरा, और तेरी?
पहला दोस्त (मायूस होते हुए) – मेरी तो अभी भी जिंदा है।
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मंगलदास ने होटल में एक स्कीम देखी और डिनर करने पहुंचा।
वेटर– सरआपका बिल।
मंगलदास– लोकार्ड रख लो।
वेटर– लेकिनसर, यह तो आपकी शादी का कार्ड है!
मंगलदास– तोफिर बाहर क्या मजाक में लिखा है, ‘ऑल कार्ड्स एक्सेप्टेड’?
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लड़की– मैं ऐसे लड़के से शादी करूंगी, जिसका कारोबार ऊंचा हो।
लड़का– तो फिर मैं एकदम सही हूं। मेरी पहाड़ पर किराने की दुकान है।

 

छुट्‌टी का कारण 
संता छुट्‌टी मांगने अपने बॉस के पास गया और बोला, ‘साहब छुट्टी चाहिए, पिताजी गुजर गए हैं।’ बॉस ने कहा, ‘ओह, ठीक है जाओ।’ कुछ महीनों बाद संता  फिर से बॉस के पास आया और बोला, ‘साहब छुट्टी चाहिए, माताजी गुजर गई हैं।’ बॉस ने छुट्टी मंजूर करते हुए कहा, ‘ओह, बुरा हुआ! ठीक है जाओ।’

इसी तरह संता  ने कभी मां मर गई, तो कभी पिताजी गुजर गए कहते हुए कई बार छुट्टी ले ली। अगली बार जब वह छुट्टी लेने गया तो बॉस ने गुस्से में पूछा, ‘आखिर कितने मां-बाप हैं तुम्हारे?’ संता  ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया, ‘क्या करूं साहब, जब पिताजी मरते हैं, तो मां दूसरी शादी कर लेती है और जब मां मरती है तो पिताजी दूसरी शादी कर लेते हैं!’