कोझिकोड.प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर सबसे तीखा हमला किया। उड़ी हमले के 7 दिन बाद मोदी ने पड़ोसी देश के हुक्मरानों को सीधे निशाने पर लिया। शनिवार को यहां बीजेपी की रैली में 32 मिनट की स्पीच में उन्होंने 9 बार पाकिस्तान का नाम लिया। मोदी ने तीन बड़े बयान दिए। पहला- आतंकियों के लिखे भाषण पढ़कर कश्मीर के गीत गाने वाले पाकिस्तान के हुक्मरानों से हमें बात नहीं करनी। दूसरा- आतंकी कान खोलकर सुन लें, हमारा देश उड़ी हमले के शहीदों की कुर्बानी कभी नहीं भूलेगा। तीसरा- हमसे हजार साल लड़ने की बात कहने वाले पाक के हुक्मरानों की चुनौती मैं स्वीकार करता हूं।
मोदी की स्पीच की 10 बड़ी बातें…
- ललकार
मोदी ने कहा, “पाकिस्तान के हुक्मरान सुन लें, हमारे 18 जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। भारत सफल रहा है दुनिया में आपको अलग-थलग करने में। और हम आपको मजबूर कर देंगे इसी दुनिया में अलग-थलग रहने के लिए। वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान की जनता खुद आतंकवाद के खिलाफ मैदान में आएगी।” - टेरर एक्सपोर्टर
“पाकिस्तान की आवाम अपने हुक्मरानों से पूछे कि दोनों देश साथ आजाद हुए। फिर क्या कारण है कि हिंदुस्तान सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट करता है और आपका देश टेररिज्म एक्सपोर्ट करता है।” - चैलेंज
“मैं पाकिस्तान की आवाम से कहना चाहता हूं कि आपको गुमराह करने के लिए वो हजार साल लड़ने की बात करते हैं। मैं आपकी चुनौती स्वीकार करता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि हम लड़ने के लिए तैयार हैं। हम गरीबी से लड़ने के लिए तैयार हैं। है हिम्मत तो सामने आएं।” - इरादा
“पाकिस्तान के हुक्मरान सुन लें हमारे 18 जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। भारत सफल रहा है दुनिया में आपको अलग-थलग करने में। और हम आपको मजबूर कर देंगे इसी दुनिया में अलग-थलग रहने के लिए। वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान की जनता खुद आतंकवाद के खिलाफ मैदान में आएगी।” - आईना
“पाकिस्तान की आवाम अपने हुक्मरानों से पूछे कि पीओके आपके पास, बलूचिस्तान और सिंध को नहीं संभाल पा रहे हो। जो आपके पास है वो ही नहीं संभाल पा रहे हैं। वो कश्मीर की बातें करते हैं। जो घर में है पहले उसको तो संभाल लें। बांग्लादेश भी नहीं संभाल पाए।” - दो टूक
“पड़ोसी के देश के नेता, उनके हुक्मरान कहा करते थे कि हजार साल लड़ेंगे। काल के भीतर कहां खो गए। अब नजर नहीं आते। आज के हुक्मरान आतंकियों के आकाओं के भाषण पढ़कर कश्मीर के गीत गा रहे हैं।” - ताकत
“हमारी सेना के जवान चाहे बीएसएफ हो या सीआरपीएफ। हमारे जवान इस लड़ाई को जीतते चले गए हैं। जवानों की शक्ति शस्त्र, नहीं जनता का मनोबल होता है। उनके लिए शस्त्र तो खिलौना है।” - फख्र
“17 घटनाओं से बचाने का काम हमारे जांबाजों ने किया ताकि देश सुरक्षित रहे। हमारी सेना के जवान जागते रहे। 125 करोड़ भारतीयों को अपनी सेना अपने शहीदों उनके पराक्रम और साहस पर गर्व है।” - वॉर्निंग
“भारत आतंकवाद के आगे न झुका है और झुकेगा। देश में आक्रोश है। उड़ी में पड़ोसी देश के एक्सपोर्ट किए गए आतंकवादियों के कारण हमारे 18 जवानों को बलिदान देना पड़ा। आतंकवादी कान खोलकर सुन लें। ये देश इस बात को कभी भूलने वाला नहीं है।” - फितरत
“एशिया के अंदर जहां-जहां आतंकवाद की घटनाएं घट रही हैं, वहां एक ही देश को जिम्मेदार माना जाता है। अफगानिस्तान हो या फिर बांग्लादेश। एक दो दिन में खबर आती है कि या तो आतंकवादी इस देश से गया था या फिर ओसामा बिन लादेन यहां छुपा था।”
कब हुआ था उड़ी में हमला?
– 18 सितंबर को तड़के कश्मीर के उड़ी में आर्मी ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हुए आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे।
– सीमापार से आतंकी सलामाबाद नाले से दाखिल हुए थे। आतंकियों ने हमले के लिए पोस्ट पर जवानों की अदला-बदली का वक्त चुना था।
– आतंकियों ने जिस टेंट पर ग्रेनेड फेंके थे, वहां जवान सो रहे थे। 13 जवान झुलसकर शहीद हो गए थे।
– 6 घंटे चले ऑपरेशन में पैरा कमांडोज ने 4 आतंकियों को मार गिराया था। उनके पास पाकिस्तान में बना सामान और हथियार मिले थे।