
ऐसी मान्यता है कि राम भक्त हनुमान आज भी इस धरती पर मौजूद हैं। कहते हैं कि इनकी पूजा करने से व्यक्ति का हर डर दूर हो जाता है और घर में भी सुख-शांति बनी रहती है। आप सबने ये तो सुना ही होगा कि हनुमान जी की पूजा में सिंदूर का प्रयोग किया जाता है। उनका श्रृंगार भी सिंदूर से होता है। यहां तक कि उनको चोला भी सिंदूरी रंग का ही पहनाया जाता है। कहते हैं कि मंगलवार के दिन इन्हें सिंदूरी रंग का चोला चढ़ाने से व्यक्ति की सारी मनोकामना जल्दी पूरी होती है। ऐसी मान्यता भी है कि चोला चढ़ाने से शनि की साढ़े साती, अढैया, दशा, अंतरदशा कम होती है। चोले में चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर प्रतिमा पर लेपन कर अच्छी तरह मलकर, रगड़कर चांदी या सोने का वर्क चढ़ाया जाता है। आज हम आपको चोला चढ़ाए जाने पर बोले जाने वाले मंत्र के बारे में बताएंगे।
कहते हैं कि सिंदूरी रंग का चोला चढ़ाते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करने से पहले उनकी प्रतिमा को जल से स्नान कराएं। इसके बाद सभी पूजा सामग्री अर्पण करें। फिर मंत्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें।
मंत्र-
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।
कहते हैं कि इस तरह चढ़ाया गया चोला ज्यादा फलदायक होता है और इसके साथ-साथ व्यक्ति की सारी मनोकामना जल्दी पूरी होती है। व्यक्ति के सारे रूके काम पूरे होते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी कन्या के विवाह में देरी हो रही हो तो उसे 7 मंगलवार लगातार हनुमान जी पर चोला चढ़ाना चाहिए। इससे शादी में हो रही देरी जल्दी कम होगी।
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