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गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में इमरान को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाई


पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने बुधवार को सरकारी गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की न्यायिक हिरासत 26 सितंबर तक बढ़ा दी। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए नवगठित विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत ज़ुल्करनैन ने अटक जेल के अंदर गोपनीय दस्तावेज लीक मामले की सुनवाई की, जहां पूर्व प्रधानमंत्री वर्तमान में बंद हैं। पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी को भी उनकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद बुधवार को अदालत में पेश किया गया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के 70 वर्षीय अध्यक्ष तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पांच अगस्त से जेल में हैं। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने 29 अगस्त को उनकी सजा निलंबित कर दी थी, लेकिन गोपनीय दस्तावेज मामले में वह अब भी अटक जेल में हैं। मामले में विशेष अदालत ने उनकी रिमांड 13 सितंबर तक बढ़ा दी है। क्रिकेटर से नेता बने खान पर वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास से गोपनीय राजनयिक सूचना के लीक होने के संबंध में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन का आरोप है। मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने खान की रिमांड 26 सितंबर तक बढ़ा दी। खान की पार्टी ने व्हाट्सएप पर एक संक्षिप्त संदेश में कहा, ‘‘PTI अध्यक्ष इमरान खान की न्यायिक हिरासत 26 सितंबर तक बढ़ा दी गई है।”
अदालत ने कुरैशी की न्यायिक हिरासत भी 26 सितंबर तक बढ़ा दी। इससे पहले कानून मंत्रालय ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी की जिसमें जेल में मुकदमा चलाने पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई। इसमें कहा गया कि विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल ने अनुरोध किया कि कार्यवाही ‘‘सुरक्षा कारणों से” अटक जेल में की जाए। सुनवाई 14 दिन की न्यायिक रिमांड के अंत में हो रही है जिसका आदेश अदालत ने उसी जेल में हुई पिछली सुनवाई पर दिया था। मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में जेल परिसर में सुनवाई की अनुमति देने के लिए सुरक्षा मुद्दों का हवाला दिया था। खान के प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी ने याचिका का विरोध करते हुए सामान्य अदालती माहौल में सुनवाई का अनुरोध किया।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए सुनवाई जारी है, यह द्वेष से भरा एक बेतुका बहाना है, अगर व्यक्तिगत रूप से नहीं तो वीडियो लिंक से पेशी हो सकती है।” बुखारी ने यह भी कहा कि अधिकारियों ने जेल में खान के मुकदमे के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा सुने गए मामले के नतीजे का इंतजार नहीं किया। आईएचसी ने इस्लामाबाद के बजाय जेल में खान के मुकदमे के संचालन के खिलाफ एक याचिका पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने यह कहकर कार्यवाही समाप्त की कि वह इस संबंध में ‘‘उचित आदेश” पारित करेंगे।