मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार बनने के बाद वह लगातार भारत के खिलाफ झूठे दावे कर रही है। अब ताजा मामला मालदीव के जहरीले रक्षामंत्री घासन मौमून का सामने आया है। मौमून ने दावा किया है कि साल 2019 में भारत ने एक सीक्रेट ऑपरेशन किया था और मालदीव की सेना की अनुमति के बिना भारतीय हेलिकॉप्टर देश के था थिमाराफूशी इलाके में उतरा था। इन हेलिकॉप्टर को भारत ने मालदीव को गिफ्ट किया था। मौमून के इस दावे को भारतीय दूतावास ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। वहीं मालदीव की सेना के प्रमुख मेजर जनरल इब्राहिम हिल्मे ने भी मौमून के दावे को बहुत भाव नहीं दिया और कहा है कि केवल एक घटना को छोड़कर ऐसा कभी नहीं हुआ कि भारतीय सैनिकों ने बिना उनकी अनुमति के कहीं पर उड़ान भरी हो।
मौमून ने दावा किया कि भारतीय सैनिक अपने एक हेलिकॉप्टर को खुद ही ऑपरेट कर रहे थे और मालदीव की सेना ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। घासन ने यह आरोप 11 मई को राष्ट्रपति कार्यालय में भारतीय सैनिकों को वापस भेजे जाने के बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में लगाया था। मालदीव के एक पत्रकार ने सवाल किया था कि क्या भारतीय सैनिकों को इसलिए हटाया गया था ताकि मालदीव की सेना का एयरक्राफ्ट पर नियंत्रण स्थापित हो जाए? इस पर मौमून ने कहा, ‘पिछले 5 साल में मैंने संसद के अंदर काम किया और 241 कमेटी ने इस मामले की जांच की एक हेलिकॉप्टर ने मालदीव के लोगों की अनुमति के बिना ऑपरेशन चलाया। एक हेलिकॉप्टर को बिना मालदीव के लोगों की अनुमति के उड़ाया गया। एक घटना में तो हेलिकॉप्टर थिमारफूशी में उतर गया था।’
मालदीव के सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री की पोल खोली – इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मालदीव की सेना के प्रमुख मेजर जनरल इब्राहिम हिल्मे भी मौजूद थे। मेजर जनरल हिल्मे ने साफ किया कि पांच साल में ऐसी केवल एक घटना हुई थी और उसके अलावा कभी भी बिना अनुमति के भारतीय सैनिकों ने हेलिकॉप्टर को नहीं उड़ाया था। सेना प्रमुख का यह बयान रक्षामंत्री के उस बयान से एकदम उलट है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारतीय सैनिक लगातार बिना मालदीव की सेना के अनुमति के हेलिकॉप्टर के ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे। दो हेलिकॉप्टर और डोर्नियर विमान को पहले भारतीय सैनिक उड़ाते थे लेकिन अब उन्हें भारतीय सरकारी कंपनी एचएएल के पायलट उड़ाते हैं।
भारतीय दूतावास ने घासन के इस दावे को खारिज कर दिया है। भारतीय उच्चायोग ने कहा, ‘मालदीव में भारतीय विमानों ने हमेशा सहमत प्रक्रियाओं के अनुसार और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) से उचित अनुमति लेकर संचालन किया है।’ भारतीय उच्चायोग ने मालदीव के रक्षा मंत्री की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब नौ अक्टूबर, 2019 को थिमाराफुशी में आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर को उतारा गया था, उस विशेष घटना के समय ‘अप्रत्याशित स्थिति के कारण ऐसा करना अनिवार्य हो गया’ था।
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