
नई दिल्ली. अफगानिस्तान के प्रेसिडेंट अशरफ गनी बुधवार को दो दिन के दौरे पर भारत पहुंचे। इन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बाद में दोनों लीडर्स ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में पाकिस्तान को सख्त मैसेज दिया। कहा- सभी तरह के स्पॉन्सर्ड टेररिज्म, आतंकवादियों को दी जा रही मदद और उनके सुरक्षित ठिकाने बंद होने चाहिए।
साउथ एशिया की प्रगति में आतंकवाद बड़ा खतरा…
– आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर गनी और मोदी ने एक राय व्यक्त की। दोनों लीडर ने इसे शांति, स्थिरता और साउथ एशिया की प्रगति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
– हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच 3 एग्रीमेंट साइन किए गए।
– इसके बाद मोदी ने युद्ध से तबाह अफगानिस्तान को 1 अरब डॉलर (करीब 67 अरब रुपए) की मदद देने का एलान किया।
– दोनों लीडर ने इंडिया-अफगानिस्तान स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट के तहत आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करने और सिक्युरिटी व डिफेंस कोऑपरेशन को मजबूत करने पर रजामंदी जताई।
मोदी ने कहा- अफगानिस्तान करीबी दोस्त
– मोदी ने अफगानिस्तान को ‘करीबी दोस्त और पड़ोसी’ का दर्जा दिया और इस बात को दोहराया कि भारत एक लोकतांत्रिक, शांत, स्थिर और खुशहाल अफगानिस्तान का समर्थन करता है।
– बाद में फॉरेन सेक्रेटरी एस जयशंकर ने प्रेसिडेंट गनी और मोदी की बातचीत के बारे में मीडिया को ब्रीफ किया। कहा- ‘दोनों लीडर्स ने क्षेत्रीय हालात, आतंकवाद के बदलते रूप और नशीले पदार्थों की तस्करी में अचानक हुई बढ़ोतरी पर चर्चा की।’
– ‘बातचीत में ज्यादा जोर इस बात पर रहा कि आतंकवाद के बदलते आयाम से दोनों देशों के सामने गंभीर चुनौतियां पैदा हुई हैं।’
– ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया कि दोनों लीडर्स ने साउथ एशिया में आतंकवाद और हिंसा के जारी रहने से राजनीतिक मकसदों को हासिल करने पर गंभीर चिंता जताई।
गनी बोले- इस्लाम आतंकवाद नहीं सिखाता
– प्रेसिडेंट अशरफ गनी ने कहा- गुड और बैड टेररिज्म के बीच फर्क करने का नजरिया दूरदर्शिता नहीं है।
– इस्लाम के नाम पर किसी भी चीज को जायज नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि इस्लाम आतंकवाद नहीं सिखाता।
– ज्वाइंट स्टेटमेंट में यह भी कहा गया कि बिना कोई भेदभाव किए आतंकवाद के सभी रूपों को खत्म करने की जरूरत है।