नवग्रहों में देवगुरू बृहस्पति को धन, पुत्र और विद्या का दाता माना गया है। शास्त्रों ने बृहस्पति ग्रह को हर तरह की आपदा-विपदाओं से धरती और मानव की रक्षा करने वाला ग्रह बताया है। कुण्डली में बृहस्पति की अच्छी स्थिति व्यक्ति को समृद्धि के मार्ग पर ले जाती है। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति अर्थात जुपिटर को गुरु की उपाधि प्राप्त …
Read More »Spirituality
कैसे मिलेगा कर्जों से छुटकारा
कर्ज एक ऐसा दलदल है, जिसमें व्यक्ति एक बार फंस जाए तो निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। आपने वो कहावत तो सुनी होगी ‘पराधीन सपनेहुं सुख नाही’। कर्ज व्यक्ति को गुलाम बना देता है, उसमें और बंधुआ मजदूर में कोई खास अंतर नहीं होता। ज्योतिष विद्वान मानते हैं की ग्रहों की चाल कुछ ऐसा वार करती है की व्यक्ति …
Read More »नकारात्मक शक्तियां का होगा जड़ से सफाया
जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश इन पांच तत्वों के बीच होने वाली परस्पर क्रिया को वास्तु के नाम से जाना जाता है। वास्तु ज्योतिष के अनुसार इस प्रक्रिया का प्रभाव हमारे कार्य प्रदर्शन, स्वभाव, भाग्य एवं जीवन के अन्य पहलुओं पर पड़ता है। यदि मनुष्य वास्तु की कुछ साधारण सी बातों को भी ध्यान में रखें तो उसकी घर …
Read More »उड़द के दाने करेंगे आपके वारे-न्यारे
उड़द को दालों की रानी कहना गलत न होगा, किसी भी दावत की शान होती है ये दाल। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार उड़द के छोटे-छोटे दानों से किए गए उपाय, टोने-टोटके किसी के भी वारे-न्यारे कर सकते हैं। कुछ प्रयोग ऐसे भी हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। फिर भी इनकी मान्यता प्राचीनकाल से चली आ रही है। शनिवार …
Read More »जानें, दुनियां का सबसे बड़ा दानवीर कौन
दान तन, मन, धन से होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि धन होने से दान हो। अगर आपके द्वारा दिल से किसी के प्रति सहानुभूति दी जाती है या शारीरिक मदद दी जाती है तो उसे भी दान माना जाता है। दान देने की प्रक्रिया उस मनुष्य में ज्यादा होगी जिसका दिल मक्खन से भी नर्म हो। कारण कि …
Read More »बुराई का त्याग ही ईश्वर की प्राप्ति है
एक बार स्वामी रामकृष्ण से एक साधक ने पूछा, ‘‘मैं हमेशा भगवान का नाम लेता रहता हूं, भजन-कीर्तन करता हूं, ध्यान लगाता हूं, फिर भी मेरे मन में कुविचार क्यों उठते हैं?’’ यह सुनकर स्वामी जी मुस्कुराए। उन्होंने साधक को समझाने के लिए एक किस्सा सुनाया। एक आदमी ने एक कुत्ता पाला हुआ था और वह उससे बहुत प्यार करता …
Read More »भगवत गीता से जानिए अपने दुखों का कारण
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप व्याख्याकार : स्वामी प्रभुपाद अध्याय 5 (कर्मयोग) लभन्ते ब्रह्मनिर्वाणमृषय: क्षीणकल्मषा:। छिन्नद्वैधा यतात्मान: सर्वभूतहिते रता: ।। 25।। अनुवाद- जो लोग संशय से उत्पन्न होने वाले द्वैत से परे हैं, जिनके मन आत्म-साक्षात्कार में लीन हैं, जो समस्त जीवों के कल्याण-कार्य करने में सदैव व्यस्त रहते हैं और जो समस्त पापों से रहित हैं, वे ब्रह्मनिर्वाण (मुक्ति) को प्राप्त होते …
Read More »हाथों के बाल खोलते हैं दिल के राज
यदि हस्तरेखा विशारद को हाथ की रेखाएं किसी पर्दे के पीछे से पढऩी हों और व्यक्ति देखने तक को न मिले तो एक पूर्ण अध्येता के लिए हाथ पर उगे बाल कितने भी महत्वहीन क्यों न लगें, अत्यधिक महत्व और विस्तृत अध्ययन का विषय बन जाते हैं इसलिए उन नियमों का उल्लेख प्रसंगातीत सिद्ध नहीं होता जो बालों के उगने …
Read More »कबीर अमृतवाणी: लाईफ को देगी नया टर्न
गुरु महिमा गावत सदा, मन राखे अति मोद। सो भव फिर आवै नहीं, बैठे प्रभु की गोद।। गुरु महिमा का कीर्तन करते हुए, सदैव उनके आदेशों का पालन करते हुए, जो मन में अति प्रसन्न रहते हैं, फिर उनका इस संसार में आना नहीं होता। सांसारिक प्रवृत्तियों से निवृत्त होकर वे अपने सत्स्वरूप को पा लेते हैं। उन्हें मोक्ष की …
Read More »कैसे शिवलिंग की पूजा से मिलेगा कैसा फल
शिवलिंग का प्रत्येक व्यक्ति को पूजन करना चाहिए। इनको विधिपूर्वक स्नान करवाकर, उस स्नान वाले जल का तीन बार जो भी व्यक्ति आचमन करता है उसके तीनों अर्थात शारीरिक, मानसिक तथा वाचिक पाप तत्काल नष्ट हो जाते हैं। शिवलिंग मिट्टी का, पत्थर का, स्वर्ण का, रजत का तथा पारे आदि का बनवाकर प्राय: पूजन किया जाता है। विविध कामनाओं की …
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