उड़द को दालों की रानी कहना गलत न होगा, किसी भी दावत की शान होती है ये दाल। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार उड़द के छोटे-छोटे दानों से किए गए उपाय, टोने-टोटके किसी के भी वारे-न्यारे कर सकते हैं। कुछ प्रयोग ऐसे भी हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। फिर भी इनकी मान्यता प्राचीनकाल से चली आ रही है।
शनिवार की सुबह अपनी दुकान में काली उड़द के कुछ दाने रखें, शाम को 5 बजे के बाद किसी मेहनतकश मजदूर या गरीब को दे दें।
किसी काम की सफलता में संदेह हो तो घर की बड़ी महिला उस व्यक्ति के सिर से एक मुट्ठी काली उड़द वार कर फेंक दे।
पैसा और सुख-समृद्धि चाहते हैं तो शनिवार की शाम 2 उड़द के दानों पर दही व सिंदूर छिड़क कर पीपल की जड़ के पास रख आये। 21 शनिवार तक ये उपाय करें।
दुकान पर ग्राहकों की भीड़ बढ़ाने के लिए रविवार के दिन एक मुट्ठी उड़द ‘श्री’ मन्त्र का जाप करते हुए 7 बार दुकान के मुख्य द्वार पर वारें, फिर इसे दुकान की चारों दिशाओं में बिखेर दें। सोमवार की सुबह मोरपंख की झाड़ू से इसे इकट्ठा करें और चौराहे पर फेंक आएं।
दरिद्रता दूर करने के लिए शनिवार को अपने बेड के नीचे थोड़ा सा सरसों का तेल रखें। रविवार को उस तेल में उड़द की दाल के गुलगुले बनाएं। फिर उसे कुत्तों और गरीबों को खिलाएं।