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चीन कर रहा है शांति समझौते पर सिर्फ ढोंग? सीमा पर लगातार बढ़ा रहा ताकत, गलवान तक बढ़ाई पावर सप्लाई, भारत क्यों रहे सतर्क?


भारत और चीन के बीच भले ही सीमा विवाद पर फिलहाल के लिए समझौता हुआ है, लेकिन चीन लगातार बॉर्डर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कर रहा है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, उसने अब गलवान घाटी में बने अपने चौकियों तक बिजली की सप्लाई शुरू कर दी है, जिससे पीएलए सैनिकों की युद्ध लड़ने की क्षमता में इजाफा होगा।
चीन ने भले ही बॉर्डर पर शांति समझौता कर लिया है, लेकिन उसकी हरकतों को देखते हुए भारत को सतर्क रहना चाहिए। सैनिकों की वापसी पर हुए समझौते के बाद भी सीमा पर अपने क्षेत्र में चीन लगातार इन्फ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट कर रहा है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, पता चला है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने हिमालय में सीमा चौकियों तक बिजली की आपूर्ति बढ़ा दी है। बिजली आपूर्ति बढ़ाने का मतलब है, कि सीमा पर उसकी ताकत और बढ़ गई है। बिजली सप्लाई होने से सीमा पर एडवांस हथियारों को रखने, सैनिकों को सुविधाएं मिलने और उपकरणों की तैनाती में काफी आसानी होगी।
चीनी अखबार पीएलए डेली की रिपोर्ट में बताया गया है, कि उइगर स्वायत्त क्षेत्र शिनजियांग में जैदुल्ला और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में नगारी प्रान्त में सीमा चौकियों तक बिजली की आपूर्ति बढ़ा दी गई है। बिजली आपूर्ति को भारत-चीन सीमा पर बने चौकियों तक बढ़ा दिया गया है।
बॉर्डर तक चीन ने शुरू की बिजली सप्लाई – चीनी अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है, कि “सीमा पर बनी चौकियों तक बिजली की सप्लाई होने से सर्दियों में जवानों को गर्म रहने में मदद मिलती है।” अखबार में कहा गया है, कि “बिजली सप्लाई होने से उच्च ऊंचाई पर तैनात सैनिकों की लंबे से चली आ रही गर्म पानी की उपलब्धता की समस्या का भी समाधान हो गया है।” चीनी सेना लंबे समय से सीमा चौकियों तक लगातार बिजली आपूर्ति में सुधार करने के लिए काम करता रहा है और उसने इस बाबत 2016 के अंत में ही एक प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत सेना और राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन ने सेना के लिए बिजली ग्रिड बनाने और उन्हें राष्ट्रीय ऊर्जा सेवा नेटवर्क से जोड़ने के लिए काम शुरू की थी।