
इस साल 11 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, एयर मार्शल एके. भारती ने पंजाब से बरामद एक लगभग पूरी तरह सुरक्षित चीनी पीएल-15 मिसाइल की तस्वीरें दिखाई थीं। इसे भारत के साथ चार दिनों तक चले लगभग युद्ध के दौरान एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान से दागा गया था।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने स्वदेशी अस्त्र मार्क-2 कार्यक्रम में चीनी पीएल-15 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की एडवांस खूबियों को शामिल करने का निर्णय लिया है। डीआरडीओ ने यह फैसला मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक पाकिस्तानी जेट की तरफ से दागी गई एक अप्रयुक्त मिसाइल के विस्तृत तकनीकी विश्लेषण के बाद किया है। यह मिसाइल पंजाब से बरामद हुई थी। दरअसल, में यह मिसाइल पूरी तरह से सुरक्षित स्थिति में थी। इस तरह पाकिस्तान की मदद कर चीन अब अपने ही जाल में फंसता दिख रहा है।
पीएल-15ई मिसाइल 9 मई को पंजाब के होशियारपुर के पास एक खेत में पूरी तरह से सुरक्षित बरामद की गई। ऐसे में यह भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों के लिए एक दुर्लभ खुफिया अवसर था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार मामले से अवगत लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि चीन की एडवांस्ड दृश्य-सीमा से परे की 145 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइल का एक्सपोर्ट संस्करण, सभी भारतीय हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के विपरीत था। इस हथियार में सेल्फ डिस्ट्रक्शन सिस्टम की कमी के कारण बिना विस्फोट के पाया गया।
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