
पाकिस्तान के कट्टपंथी हलके में फिलिस्तीन का मुद्दा बहुत भावनात्मक रहा है। पाकिस्तान ने आज तक इजरायल को मान्यता नहीं दी है। ऐसे में पाकिस्तानी आर्मी चीफ गाजा को लेकर बड़ा दांव चल रहे हैं जो उनका ही हाथ जला सकता है।
पाकिस्तान अब अमेरिका और इजरायल के इशारे पर अपनी सेना गाजा में भेजने वाला है। रिपोर्ट बताती हैं कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद और अमेरिका की सीआईए के अधिकारियों के साथ इस बारे में गुप्त बैठक भी हो चुकी है। गाजा में पाकिस्तानी सेना का जाना साफ बताता है कि उसे इजरायल ने मंजूरी दी है, क्योंकि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि गाजा में किसकी की सेना रहेगी ये उनका देश तय करेगा और अमेरिका भी इस बात पर सहमत है। ऐसे में गाजा में सेना भेजने की रिपोर्टों ने पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य हलकों में तीखी बहस छेड़ दी है।
मुनीर को पड़ सकता है भारी – विश्लेषकों का कहना है कि गाजा में सेना भेजने का घरेलू परिणाम पाकिस्तान और खासतौर पर सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के लिए भारी पड़ सकता है। जनरल असीम मुनीर ने बड़ी सावधानी और खास तरीके से अपनी सार्वजनिक छवि को एक कट्टर मुसलमान और भारत विरोधी कट्टर जेहादी के रूप में गढ़ा है। यही वजह है कि कई बार उन्हें मुल्ला जनरल भी कहा जाता है। पाकिस्तानी सेना की कमान संभालने के बाद उनकी बयानबाजी धार्मिक प्रतीकों और राष्ट्रवादी भावनाओं पर केंद्रित रही है।
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