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अमेरिका-रूस जो ना कर सका, चीन ने कर दिखाया… बनाई परमाणु हथियार ले जाने वाली JL-1 मिसाइल, जद में अलास्का


चीन की यह एयर-लॉन्च मिसाइल उसके न्यूक्लियर ट्रायड को पूरा करती है और अलास्का के लिए खतरा बन सकती है। हालांकि इसकी कुछ लिमिटेशन हैं, जिनसे चीन के पार पाना होगा।
चीन ने नई मिसाइल बनाते हुए रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाई है। चीन की ये कामयाबी खासतौर से अमेरिका की चिंता बढ़ाने जा रही है। यह चीन की नई जिंगलेई-1 (JL-1) मिसाइल के बारे में है। चीनी JL-1 अमेरिका के अलास्का और दूसरे स्टेट तक पहुंच सकती है। ऐसे में यह अमेरिका के बड़े हिस्से के लिए न्यूक्लियर खतरा बन सकती है। चीन ने परमाणु हथियार ले जाने वाली अपनी तरह की ये पहली मिसाइल बनाकर रूस-अमेरिका जैसे देशों को हैरत में डाल दिया है।
JL-1 मिसाइल ने सितंबर में चीन की विक्ट्री डे परेड के दौरान दूसरी स्ट्रेटेजिक मिसाइलों के साथ डेब्यू किया था।, यह एक न्यूक्लियर-कैपेबल एयर-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे चीनी एयर फोर्स के H-6N स्ट्रेटेजिक बॉम्बर ले जा सकते हैं। माना जाता है कि यह आर्मी के न्यूक्लियर ट्रायड हवा, जमीन और समुद्र में प्लेटफॉर्म से न्यूक्लियर हथियार पहुंचाने की क्षमता को पूरा करती है।
क्यों खास है ये मिसाइल – ऑर्डिनेंस इंडस्ट्री साइंस टेक्नोलॉजी मैगजीन के इस महीने के इश्यू में एक एनालिसिस के मुताबिक, यह दुनिया की इकलौती लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में कैपेबल है। इससे चीन इस उभरते हुए हथियारों की कैटेगरी में यूनाइटेड स्टेट्स और रूस से आगे है। JL-1 (शॉकिंग थंडर-1 भी नाम) की रेंज 8,000 किमी (4,971 मील) है। इसकी H-6N बॉम्बर की कॉम्बैट रेंज 4,000 किमी है, अगर उसे एरियल रीफ्यूलिंग से सपोर्ट किया जाए।
मैगजीन कहती है कि यह कॉम्बिनेशन वेपन सिस्टम को 8,000 किमी से ज्यादा की असरदार ऑपरेशनल रीच देता है, जो अलास्का या पैसिफिक में तीसरे आइलैंड चेन के अंदर की जगहों को कवर करने के लिए काफी है। एनालिसिस में कहा गया है कि अलास्का यूएस नेशनल मिसाइल डिफेंस सिस्टम का मेन बेस है। इसलिए JL-1 का कोई असली कॉम्बैट मकसद नहीं होगा, अगर वह इसके लिए कोई भरोसेमंद खतरा पैदा नहीं कर सकता है।