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उम्र सिर्फ 10 साल, धुरंधरों की चटाती है धूल, भारतीय बच्ची ने ब्रिटेन के लिए शतरंज में मचा दिया तहलका


दस साल की बोधना शिवानंदन ने यूके ओपन ब्लिट्ज चैंपियनशिप में महिलाओं का पहला पुरस्कार जीता है। उन्होंने 15 में से 13.5 अंक हासिल किए। बोधना ने लगातार आठ गेम जीते और खिताब अपने नाम किया।
यूके ओपन ब्लिट्ज चैंपियनशिप में 10 साल का बोधना शिवानंदन ने पहला अवॉर्ड जीता है। यह उनके चेस करियर में तेजी से बढ़ती उपलब्धियों की लिस्ट में एक और बड़ी कामयाबी जोड़ ली है। हैरो प्राइमरी स्कूल की स्टूडेंट हैं और लीमिंगटन स्पा में यूके ओपन ब्लिट्ज चैंपियनशिप में महिलाओं का पहला प्राइज जीता। उन्होंने 15 में से 13.5 अंक हासिल किए। उन्होंने लगातार 8 गेम जीते और खिताब अपने नाम कर लिया।
बोधना शिवानंदन को प्राइज मनी के रूप में £500 मिले। उन्होंने अपनी जीत के बारे में बात करते हुए कहा- मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं किसके साथ मुकाबला कर रहा हूं, मुझे सिर्फ खेल से मतलब है।
ग्रैंडमास्टर को हराने वाली सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी – बोधना शिवानंदन ने पिछले महीने ग्रीस में यूरोपीय क्लब कप में पूर्व विश्व चैंपियन ग्रैंडमास्टर मारिया मुजिचुक को हराकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। इस साल की शुरुआत में शिवानंदन 2025 ब्रिटिश शतरंज चैंपियनशिप में 60 वर्षीय ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराकर ग्रैंडमास्टर को हराने वाली सबसे कम उम्र की महिला शतरंज खिलाड़ी बनीं। उन्होंने 10 साल, पांच महीने और तीन दिन की उम्र में यह रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 2019 में अमेरिकी कैरिसा यिप के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। वह डब्ल्यूजीएम (महिला ग्रैंडमास्टर) नॉर्म हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी भी बनीं।