
धर्मेंद्र विदा कहकर इस दुनिया से रुखसत हो चुके हैं। लेकिन उनकी यादें लोगों के दिलों से कभी खत्म नहीं होंगी। उन्हें चाहने वाले पूरी दुनिया में बसे हैं। वहीं कुछ झलकियां हम उनके उन गांव के घरों की लेकर आए हैं जहां उनका जन्म हुआ था और आज वो घर खंडहर की तरह बन चुका है। वहीं साहनेवाल गांव के घर की भी तस्वीरें हैं जहां उन्होंने ही अपना बचपन नहीं गुजारा बल्कि सनी और बॉबी देओल का भी जन्म इसी घर में हुआ।
धर्मेंद्र, एक ऐसी शख्सियत जो हमारे बीच नहीं रहकर भी हम सबकी यादों में हमेशा जिंदा रहेंगे। बेशुमार यादों की दुनिया हमारे लिए छोड़ चुके धर्मेंद्र ने 24 नवंबर को इस संसार से अलविदा कह दिया। एक ऐसा सितारा जिनका फिल्मी दुनिया से कोई कनेक्शन नहीं था और अपने सपनों के बल पर ये कनेक्शन उन्होंने खुद अपने दम पर बनाया। पंजाब के लुधियाना के खन्ना इलाके के गांव नसराली में जन्मे धर्मेंद्र तब दिलीप कुमार को देखकर फिल्मों का ख्वाब देखने लगे थे। उनकी ये चाहत इतनी तगड़ी थी कि व न केवल फिल्मों में पहुंच गए बल्कि ताउम्र दिलीप कुमार के छोटे भाई बनकर इस इंडस्ट्री में कायम रहे। आज यहां हम वो झलकियां लेकर आए हैं जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया लेकिन आज वो घर खंडहर बन चुका है।
धर्मेंद्र के गुजरने पर आज पूरा देश उनके लिए रो पड़ा है। उनका जन्म पंजाब के लुधियाना के खन्ना क्षेत्र के गांव नसराली में हुआ था जहां उन्होंने दो साल बिताए थे। धर्मेंद्र के पिता केवल कृष्ण देओल की पहली पोस्टिंग नसराली में ही हुई थी और उस दौरान परिवार गांव में एक किराए के मकान में रहता था। इस गांव में उनका वो घर आज भी है जो अब खंडहर हो चुका है। धर्मेंद्र के बर्थ प्लेस पर इस गांव में आज हर किसी की आंखों में आंसू हैं। धर्मेंद्र उनके लिए केवल हीरो नहीं बल्कि उनका गर्व भी रहे हैं।
गांव वालों के दिलों में बस एक ही कसक – भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि गांव में रहने वाले रविंदर सिंह ने उन्हें याद कह कहा कि गांव वालों की एक ही कसक हमेशा रही कि धर्मेंद्र कभी अपने जन्मस्थान नसराली नहीं आ पाए। उन्होंने कहा, ‘हम अक्सर सोचते थे कि काश वह एक बार यहां आते, उस मिट्टी को देखते जहां उन्होंने पहली सांस ली थी।’
कुछ साल पहले धर्मेंद्र अपने इस घर पर गए थे – नसराली के बाद धर्मेंद्र के पिता अपने परिवार को लेकर लुधियाना के पास साहनेवाल आ गए, जहां उनका ट्रांसफर हुआ था। कहते हैं कि साहनेवाल में धर्मेंद्र ने कुछ दिन ट्यूबवेल ऑपरेटर के रूप में भी काम किया था। यहां आज भी वो मकान है जहां धर्मेंद्र का परिवार किराए पर रहता था। कुछ साल पहले धर्मेंद्र अपने इस घर पर भी गए थे, जहां भारी संख्या में गांव वालों की भीड़ भी उनके लिए वहां इंतजार कर रही थी।
इस घर में धर्मेद्र के नाम की नेम प्लेट लगाई है – धर्मेंद्र के इस वीडियो में दिखाया गया था कि कैसे वहां आज भी धर्मेद्र के नाम की नेम प्लेट है। धर्मेंद्र से जुड़ी यादों को मकान मालिक संदीप ने आज भी संजोकर रखा है। ‘एशियन पेंट्स’ के इस वीडियो में एक्टर विनय पाठक धर्मेंद्र के साथ उनके होमटाउन पहुंचे थे। उन्होंने दिखाया कि कैसे आज भी उस घर में धर्मेंद्र और उनके परिवार की तस्वीरें दीवारों पर सजी हुई हैं, जो इस बात का तस्दीक करते हैं कि उनकी यादें उनके चले जाने के बाद भी उस घर में वो जिंदा हैं। इस घर के बाहर धर्मेंद्र हाउस के नाम की प्लेट लगाई गई है। जिस मकान में किराए पर रहा परिवार, धर्मेद्र के नाम की नेम प्लेट लगाई साहनेवाल में धर्मेंद्र का परिवार जिस घर में कभी किराए पर रहते थे, उसके मालिक संदीप ने इसे धर्मेंद्र की यादों से संजोया हुआ है।
कहा- क्योंकि इसकी पहचान धर्मेंद्र के नाम से है – रिपोर्ट में बताया गया है कि घर के मालिक संदीप का कहना है कि हमारे साहनेवाल गांव की पहचान धर्मेंद्र के नाम से है। उन्होंने बताया था कि कुछ साल पहले ही उन्होंने ये मकान मास्टर रामजी दास से खरीदा था। उन्होंने कहा, ‘मैंने धर्मेंद्र के नाम की नेम प्लेट अपने घर के बाहर इसलिए लगाई है, क्योंकि इसकी पहचान धर्मेंद्र के नाम से है। इसी मकान में धर्मेंद्र रहा करते थे और यहां उनका बचपन गुजरा। पास में ही स्कूल है, जहां धर्मेंद्र पढ़े थे।’
उस घर से कुछ ही दूरी पर रहते हैं – टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, इस गांव में रहने वाले 86 साल के गिरधारी लाल, जो एलआईसी के रिटायर्ड अधिकारी हैं, वो उस घर से कुछ ही दूरी पर रहते हैं जहां धर्मेंद्र का परिवार किराए पर रहता था। उन्होंने कहा कि उन्हें इस दुख खबर से ऐसा सदमा लगा है जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि धर्मेंद्र की खराब सेहत के बारे में पता चलने के बाद से वे कई दिनों तक बहुत तनाव में रहे और आज उनका सबसे बुरा डर सच हो गया क्योंकि उन्होंने उन्हें खो दिया।
स्टार बनने से पहले, धर्मेंद्र लुधियाना के चौड़ा बाजार स्थित एक सलून में जाते थे – गिरधारी लाल ने बताया कि धर्मेंद्र के छोटे भाई अजीत सिंह देओल (जीत) उनके साथ एक ही थे और उन्होंने हाई स्कूल तक साथ पढ़ाई की थी। उन्होंने आगे बताया कि धर्मेंद्र के पिता उनके टीचर थे क्योंकि वे साहनेवाल के सरकारी प्राइमरी और हाई स्कूल, दोनों में पढ़ाते थे। लाल ने याद करते हुए कहा कि स्टार बनने से पहले, धर्मेंद्र लुधियाना के चौड़ा बाजार स्थित एक सलून में जाते थे और घंटों वहां बैठे रहते थे क्योंकि उन्हें फैशन का बहुत शौक था। उन्होंने आगे बताया कि स्टार बनने के बाद, वह (गिरधारी लाल) दो बार ट्रेनिंग के लिए मुंबई गए जहां धर्मेंद्र ने उनकी मेजबानी की और उनके साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया।
केवल कृष्ण के साले के बेटे वरिंदर भी एक फिल्म स्टार थे – गिरधारी लाल की पत्नी मंजू शर्मा ने कहा कि धर्मेंद्र की मां सतवंत कौर एक महान महिला थीं और परिवार बहुत अच्छा था। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की थी लेकिन दुर्भाग्य से धर्मेंद्र का निधन हो गया। गिरधारी लाल ने कहा कि मास्टर केवल कृष्ण फगवाड़ा जाने से पहले लालटन में भी टीचर के तौर में कार्यरत थे, जहां उनका परिवार लगभग 10 वर्षों तक रहा। उन्होंने आगे बताया कि मास्टर केवल कृष्ण के साले के बेटे वरिंदर भी एक फिल्म स्टार थे और धर्मेंद्र के भाई अजीत ने भी ‘खोटे सिक्के’ फिल्म में काम किया था लेकिन फिल्मों में ज्यादा सफल नहीं हो पाए और रेलवे में नौकरी कर ली।
‘सनी देओल का जन्म इसी घर के एक कमरे में हुआ’ – हाल के दिनों में साहनेवाल स्थित जिस घर में उनका परिवार रहता था, उसका अब रेनोवेशन हो चुका है। इस घर की मालकिन मनजीत कौर ने बताया कि घर क्षतिग्रस्त हो गया था, इसलिए उन्हें लगभग तीन साल पहले इसे खरीदने के बाद इसकी मरम्मत करवानी पड़ी। उन्होंने बताया कि सनी देओल का जन्म इसी घर के एक कमरे में हुआ था और उन्हें इस बात पर गर्व है कि धर्मेंद्र कभी वहां रहते थे।
जर्जर घर और उस कमरे की एक तस्वीर, जहां बॉबी देओल का जन्म – उन्होंने कहा, ‘वह लगभग 10-12 साल पहले एक बार यहां आए थे। उन्हें लंबे समय तक जीना चाहिए था और हम चाहते थे कि वह यहां आकर हमसे मिलते।’ उन्होंने आगे बताया कि उनके पास जर्जर घर और उस कमरे की एक तस्वीर है जहां बॉबी देओल का जन्म हुआ था, जिसे फ्रेम करके रखा गया है।
Home / Entertainment / Bollywood / पंजाब का घर जहां पैदा हुए थे धर्मेंद्र, अब जर्जर हालत! आंगन जहां सनी देओल का बीता बचपन, जानिए कौन रहता है वहां
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