
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले हफ्ते भारत आ रहे हैं। दिल्ली में उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी। भारत के हालिया समय में अमेरिका से संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। वहीं रूस का अमेरिका से रिश्ता लंबे समय से तनातनी का शिकार है। ऐसे में इस मुलाकात के नतीजों पर दुनिया के बड़े हिस्से, खासतौर से यूरोपियन यूनियन (EU) और अमेरिका की नजर है। इसे अमेरिका के खिलाफ मोर्चे की तरह से देखने की कोशिश की जा रही है लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि पुतिन का दिल्ली दौरा ईयू और यूएस के लिए राहत का सबब बन सकता है। खासतौर से इससे यूक्रेन में शांति की राह निकल सकती है क्योंकि नरेंद्र मोदी की ओर से इस पर लंबे समय से अपील की जा रही है।
द संडे गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप की ज्यादातर जनता खुद को 2022 की तुलना में कम खुशहाल मानती है। यानी यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से चीजें खराब हुई हैं। इसकी अहम वजह यूक्रेन युद्ध में हो रहा खर्च है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की हेकड़ी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ट्रंप की टीम ने नुकसान को समझ लिया है। वह किसी भी तरह जंग रोकना चाहते हैं। ऐसे में यूरोप और अमेरिका यूक्रेन में शांति की तरफ देख रहे हैं, जो पुतिन के दौरे से आ सकती है।
निकलेगा यूक्रेन में शांत का रास्ता! – दिल्ली में होने वाले मोदी-पुतिन समिट के दौरान एडवांस्ड मिलिट्री प्लेटफॉर्म पर डिफेंस कोलेबोरेशन के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है। एक और बात पर इससे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। यह एक ऐसा प्रोसेस शुरू करने की क्षमता है, जिससे 90 दिनों के अंदर यूक्रेन में लड़ाई खत्म हो जाएगी। इसकी बात मोदी और ट्रंप दोनों नेताओं ने की है।
यूरोप में भले ही इंडिया-रूस समिट को पश्चिम के लिए एक अपमान के तौर पर दिखाएगा लेकिन मामला इसके उलट है। समिट का अच्छा नतीजा वेस्ट को ही सबसे जयादा फायदा पहुंचाएगा क्योंकि इससे यूरोप का खर्च यूक्रेन के युद्ध पर रुक जाएगा। वहीं डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी ये राहत होगी। ट्रंप तमाम कोशिश के बावजूद इसे रोकने में कामयाबी नहीं हो सके हैं।
Home / News / नरेंद्र मोदी-व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात पर डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय संघ की नजर, दिल्ली से मिल सकती है बड़ी खुशखबरी
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