
वैज्ञानिकों ने बीते 12 वर्षों से अधिक समय में सूरज की सबसे तेज चमक (सौर प्रज्वाल) दर्ज की है। यह वर्ष 1996 में आधुनिक रिकॉर्ड शुरू करने के बाद से 8वीं सबसे तेज चमक है।
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं सहित अन्य शोधकर्ताओं ने कहा कि बहुत बड़े पैमाने पर विकिरण निकलने की घटना अप्रत्याशित रूप से 6 सितम्बर, 2017 को घटित हुई। हालांकि पृथ्वी के सुरक्षात्मक वातावरण और सूरज से काफी अधिक दूरी के चलते इंसानों के लिए यह हानिकारक नहीं है।
यह एक्स श्रेणी की 3 प्रज्वालों में से एक थी और सबसे तेज चमक 48 घंटे से ज्यादा की अवधि के दौरान रिकॉर्ड की गई। इस घटनाक्रम के कारण उपग्रह और जी.पी.एस. सिग्नलों में बाधा आ सकती है।
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