नई दिल्ली: विश्व बैंक ने अपनी एक विशेष रिपोर्ट में भारत के लिए ‘विकासशील देश’ शब्द का उपयोग करना बंद कर दिया है और इसे ‘निम्न-मध्य-आय’ अर्थव्यवस्था की श्रेणी में रखा है। इस बात की जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। विश्व बैंक के डाटा वैज्ञानिक तारीक खोखर बताते हैं कि ‘अपनी ‘विश्व विकास संकेतक’ रिपोर्ट में हमने निम्न और मध्य-आय देशों को ‘विकासशील देश’ समूह में रखना बंद कर दिया है। विश्लेषण के मकसद से भारत को निम्न-मध्य-आय अर्थव्यवस्था श्रेणी में रखा जाता रहेगा।’
खोखर बताते हैं कि ‘अपने सामान्य कार्यो में हम विकासशील देश या विकासशील विश्व शब्दों को नहीं बदल रहे हैं लेकिन विशेषज्ञता युक्त आंकड़ों में हम देशों के लिए अधिक सटीक समूह का उपयोग करेंगे।’ यानि साधारण संचार सामग्रियों में भारत को विकासशील देश कहा जाता रहेगा लेकिन विशेषज्ञतायुक्त आंकड़ों में इसे निम्न-मध्य-आय अर्थव्यवस्था कहा जाएगा।
मलेशिया है उच्च-मध्य आय अर्थव्यवस्था
उन्होंने कहा कि विकासशील देश शब्द का उपयोग बंद करने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि इस शब्द की कोई स्पष्ट सर्वमान्य परिभाषा नहीं है, जिसके कारण मलेशिया और मालावी दोनों को विकासशील देश माना जाता है। 2014 में मलेशिया का सकल घरेलू उत्पाद 338.1 अरब डॉलर था, जबकि मालावी का 4.258 अरब डॉलर था। अब मलेशिया को उच्च-मध्य-आय अर्थव्यवस्था और मालावी को निम्न-आय अर्थव्यवस्था कहा जा रहा है।
अफगानिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल निम्न-आय अर्थव्यवस्था हैं। पाकिस्तान और श्रीलंका निम्न-मध्य-आय अर्थव्यवस्था हैं। ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और चीन उच्च-मध्य-आय अर्थव्यवस्था हैं। रूस और सिंगापुर उच्च-आय-गैर-ओईसीडी आय अर्थव्यवस्था हैं। अमेरिका उच्च-आय-ओईसीडी आय अर्थव्यवस्था है।
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