
शादी, सेहत और अन्य चीजों को लेकर दुनियाभर में बहुत-सी परंपराएं मानी जाती है। पूरी दुनिया में हर जाति और कबीले की परंपराएं अलग-अलग होती है लेकिन आज हम आपको सेहत से जुड़ी कुछ परंपराओं के बारे में बताने जा रहे हैं। सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों को ठीक करने के लिए निभाई जाने वाली इन परंपराओं के बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। तो चलिए जानते हैं सेहत से जुड़ी ऐसी ही कुछ अनोखी परंपराओं के बारे में।
1. थाइलैंड- जानवरों को आजाद करवाना
थाइलैंड के लोग बौद्ध धर्म को बहुत मानते हैं, जिसके चलते जिसके कारण वह जानवरों को खाना सेहत के लिए सही नहीं समझतें। यहां के लोग जानवरों को कैद से आजाद करवाने को परंपरा मानते हैं। इसी कारण जब उनकी कोई इच्छा पूरी होती है तो वह जिंदा मछली या कछुए को पानी में छोड़ देते हैं।
2. मिश्र, मोरक्को और तुर्की- हमाम की परंपरा
इन देशों में सेहत को ठीक रखने और शरीर को साफ करने के लिए 3 कमरों में नहाने की परंपरा है। पहले कमरे में पानी चलता रहता है, जिससे शरीर को साफ करना होता है। दूसरा कमरे में गर्म पानी होता है, जिससे शरीर और बालों को साफ किया जाता है। इसके बाद तीसरे ठंडे पानी के कमरे में लोगों को आराम करना होता है। यह परंपरा दुनिया के कई देशों के स्पा में की जाती है।
3. चीन, मिश्र और वियतनाम- जलते प्याले की थेरेपी
इन देशों में एलर्जी, कोल्ड, सूजन, मांसपेशियों में तनाव, पाचन संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए जलते प्याले की थेरेपी दी जाती है। यहां के लोग इसे परंपरा मानते हैं। इस थेरेपी में 1 कप को पीठ पर रखकर उसमें आग लगाई जाती है। इससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता बल्कि सेहत की ये प्रॉब्लम दूर हो जाती है।
4. कनाडा और अमेरिका- सेज को फैलाना
शरीर को ऊर्जा देने और मन को शांत करने के लिए इन देशों में सेज को फैलाने की परंपरा निभाई जाती है। यहां जब भी कोई घर लिया जाता है तो वहां सेज (पेड की छाल) के जलाकर घर की हवा को शुद्ध किया जाता है। इससे बीमारियां होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके अलावा यह खुश्बूदार धुआं मन को भी शांत करता है।
5. अर्जेंटीना, यूरोप और अमेरिका- सक्रिय कोयला
डायरिया, फूड प्वॉइजनिंग, गैस की समस्या और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए इन देशों में जलते कोयला की परंपरा की जाती है। इस परंपरा में सक्रिए कोयले में डब्ल्यूएचओ का घोल मिलाकर पीना होता है। समें मौजूद एंटीबॉयटिक डायरिया, फूड प्वॉइजनिंग, गैस की समस्या और अपच जैसी समस्याओं को मिनटों में दूर करता है।
6. इंडोनेशिया- जामू
सिर्फ छोटी-मोटी नहीं बल्कि गंभीर बीमारियों को दूर करने के लिए भी इंडोनेशियां में एक अजीबोगरीब परंपरा निभाई जाती है। अल्जाइमर, अर्थराइटिस, कैंसर से बचाव और सूजन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए थाइलैंड में अदरक और हल्दी की जड़ें, छाल, फूल, बीज, पत्ते, और शहद मिलाकर पिया जाता हैं, जिसे यहां के लोग जामू की परंपरा मानते हैं।
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