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क्राइस्टचर्च कांड: हमलावर से भिड़ पड़े नईम, ख़ुद बंदूक के सामने आ गए दाऊद नबी


न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर शुक्रवार को हुए हमले में अब तक मारे गए 50 लोगों में भारत, पाकिस्तान, अफ़ागानिस्तान, सीरिया, इंडोनेशिया, जॉर्डन, बांग्लादेश, फ़िज़ी और सऊदी अरब से ताल्लुक रखने वाले लोगों की मौत और लापता होने की ख़बर है। अब न्यूज़ीलैंड के अधिकारियों के सामने उन लोगों की पहचान करने की चुनौती है, जिन्होंने इस हमले में अपनी जानें गंवाईं। पीड़ितों के परिवारों को अधिकारियों ने सूचित किया है लेकिन किसी भी पड़ित का नाम सार्वजनिक तौर पर अभी ज़ाहिर नहीं किया गया है। मृतकों में कई शरणार्थी भी थे जो इससे पहले तक न्यूज़ीलैंड में सुरक्षित ज़िंदगी बसर कर रहे थे। कई परिवार ऐसे हैं जिनका उनके अपने प्रियजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है और वो उनकी ख़बर पाने के लिए बेचैनी से इंतज़ार कर रहे हैं।

71 साल के दाऊद नबी सबसे पहले पहचाने जाने वाले मृतक थे।अफ़गानिस्तान में जन्मे नबी 1980 के दशक में उस वक़्त न्यूज़ीलैंड भाग आए थे जब सोवियत ने अफ़गानिस्तान पर हमला किया था। पेशे से इंजीनियर नबी को विंटेज कारों का बहुत शौक़ था।रिटायरमेंट के बाद वो न्यूज़ीलैंड में एक सामुदायिक नेता की तरह काम कर रहे थे. नबी ‘स्थानीय अफ़गान असोसिएशन’ के अध्यक्ष और अन्य प्रवासी समूहों के समर्थक थे। उनके बेटे ने मोबाइल पर अपने पिता की फोटो दिखाते हुए बताया कि प्रत्यदर्शियों के अनुसार जब मस्जिद पर हमला हुआ तब उन्होंने बाकी लोगों को बचाने के लिए ख़ुद को आगे कर दिया।

50 साल नईम राशिद मूल रूप से पाकिस्तान के ऐबटाबाद से थे। वो क्राइस्टचर्च में बतौर शिक्षक काम करते थे।अल नूर मस्जिद पर हुए हमले के एक वीडियो में नईम को एक जगह बंदूकधारी से लड़ने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है। इस हमले में नईम बुरी तरह घायल हो गए थे।उन्हें अस्पताल ले जाया गया जिसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने उनकी मौत की पुष्टि की। न्यूज़ीलैंड के एक बड़े तबके में नईम को ‘हीरो’ बताया जा रहा है।

नईम के भाई ख़ुर्शीद आलम ने वीडियो देखने के बाद कहा कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है। आलम ने कहा, “हम अब भी सदमे में हैं। वो भले ही ‘नायक’ बन गया है, हमें उस पर गर्व भी है लेकिन हमारे लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।ये कुछ ऐसा ही है जैसे आपका एक हाथ या एक पांव काट दिया गया हो।” पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक़, नईम को ऐबटाबाद के बजाय क्राइस्टचर्च में ही दफ़नाया जाएगा।