
पेरिस जलवायु समझौते के तहत यदि बिना शर्त वाली सभी मौजूदा प्रतिबद्धताओं को पूरा कर लिया जाता है तो भी इस सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में 3.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र की एक नयी रिपोर्ट में मंगलवार को यह चेतावनी दी गई।
इसमें यह भी कहा गया है कि इस तरह की स्थिति से जलवायु पर ज्यादा विनाशकारी असर देखने को मिलेगा। संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्यक्रम के वार्षिक उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट के मुताबिक सभी देशों को अपने प्रतिबद्ध योगदान (एनडीसी) महत्वाकांक्षाओं को तीन गुना बढ़ाना चाहिए ताकि दो डिग्री सेल्सियस से नीचे के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। साथ ही, 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पांच गुना से अधिक योगदान (एनडीसी) करना चाहिए।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि पेरिस समझौते के अंतर्गत अगर सभी बिना शर्त वाली प्रतिबद्धताओं को पूरा कर लिया जाता है तो इस सदी के अंत तक तापमान में 3.2 डिग्री बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसमें कहा गया है, ‘‘अगर सशर्त एनडीसी को भी प्रभावी तरीके से लागू किया जाए तो तापमान में करीब 0.2 डिग्री सेल्सियस की कमी की संभावना है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर ग्रीन हाउस गैस में 7.6 फीसदी की कमी की जानी चाहिए, ताकि पेरिस समझौते के मुताबिक वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि रखने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जब तक वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 2020 और 2030 के बीच प्रति वर्ष 7.6 फीसदी की कमी नहीं होती है तब तक पेरिस समझौते के तहत डेढ़ डिग्री सेल्सियस तापमान के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकेगा।”
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