हम यहां भारतीयों की हर संभव मदद के लिए है: भारतीय उच्चायुक्त, न्यूजीलैंड
द्वारा: आलोक गुप्ता
कोविड-19 के चलते न्यूजीलैंड में फंसे प्रवासी भारतीय कि हर मुश्किल में मदद करना हमारा कर्तव्य हैं| हम उनकी हर संभव मदद कर भी रहे हैं| इस समय न्यूजीलैंड में 2,000 से अधिक लोग फंसे हैं जो भारत जाना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने हमसे संपर्क किया है| ऐसा कहना है न्यूजीलैंड में पदस्थ भारतीय उच्चायुक्त श्री मुक्तेश परदेसी, जो कि भारतीय मीडिया से ऑनलाइन प्रेस वार्ता के माध्यम से बातचीत कर रहे थे|
उच्चायुक्त के अनुसार जो भी भारतीय, भारत वापस जाना चाहते हैं वह जल्द से जल्द इंडियन हाई कमिशन न्यूजीलैंड की वेबसाइट पर जाकर खुद को रजिस्टर करें ताकि उनकी मदद का आकलन किया जा सके|
भारत सरकार ने अपनी प्रत्यावर्तन ( स्वदेश वापसी) योजना के लिए कुछ मापदंड रखे हैं जिसके चलते यह तय किया जाएगा कि किन लोगों को प्राथमिकता के तौर पर स्वदेश पहले वापस भेजा जाए|
इसके लिए भारत सरकार ने उन लोगों को प्राथमिकता दिए जाने की योजना बनाई है जोकि वर्तमान में निम्नलिखित परिस्थितियों में अपने को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं, जैसे कि-
- डिपोर्टेशन की परिस्थितियों में फंसा होना|
- वर्क वीजा धारी कामगार लोग जिनका की रोजगार चला गया है और वीजा एक्सपायर होने को है|
- जिनकी वीजा समाप्त होने को है और जिसके की रिन्यूअल की कोई संभावना नहीं है|
- जिनको की कुछ मेडिकल इमरजेंसी है|
- जिनके कि परिवार में भारत में किसी की मृत्यु हो गई है|
- पर्यटक के तौर पर स्वयं को विदेश में फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं|
- जिन विद्यार्थियों का पढ़ाई सत्र और स्टूडेंट विजा की अवधि पूर्ण हो चुकी है|
उच्चायोग के अनुसार ऐसे सभी लोगों को अपनी पूरी परिस्थितियों का लेखा जोखा प्रस्तुत करने का अवसर दिया जा रहा है जिस पर की उनकी इमरजेंसी को देखते हुए पहले स्वदेश वापसी के मामले में फैसला लिया जाएगा|
उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि भारतीयों को स्वदेश वापस भेजने की व्यवस्था निशुल्क नहीं होगी| लेकिन उन्होंने कहा यह अनुमान है कि यह निश्चित तौर पर इतनी महंगी नहीं होगी जितनी की न्यूजीलैंड सरकार ने कीवियों को वापस भारत से लाने के लिए यात्रा कराया लिया था, जोकि 5000 न्यूजीलैंड डॉलर था|
भारतीय उच्चायुक्त ने यह भी रेखांकित किया कि सभी भारतीय जो भी स्वदेश वापसी करना चाहते हैं उन्हें निश्चित तौर पर न्यूजीलैंड से अपना मेडिकल स्क्रीनिंग सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा| जिसके लिए जानकारी न्यूजीलैंड की नेशनल हेल्पलाइन नंबर 0800 358 5453 पर प्राप्त की जा सकती है|
उच्चायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी भारतीय स्वदेश वापसी करेंगे उन सभी को अनिवार्य रूप से भारत में 14 दिन की क्वॉरेंटाइन में रहना होगा| उसके उपरांत टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें घर जाने की इजाजत होगी|
भारत सरकार द्वारा निर्मित आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप को भी सभी भारत वापस जाने वाले भारतीय को अपने मोबाइल में डाउनलोड करके उसका उपयोग करने के निर्देश, उच्चायुक्त द्वारा दिए गए हैं| ताकी स्वदेश वापसी करने वाले सभी भारतीयों की भारत में उनकी लोकेशन और उनके संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाया जा सके|
उच्चायुक्त के अनुसार 7 मई से 17 मई के बीच भारत सरकार का मुख्य उद्देश्य उन देशों से भारतीयों को वापस लाने का प्राथमिकता पर है जहां भारतीयों की संख्या हजारों में है जिसमे कि प्रमुख खाड़ी के देश, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड आदि हैं |
वर्तमान परिस्थितियों के चलते हैं उच्चायुक्त मुकेश परदेसी का स्वदेश वापसी के इच्छुक सभी भारतीयों से आग्रह है कि जल्दी से जल्दी स्वयं को इंडियन हाई कमिशन की वेबसाइट https://www.hciwellington.gov.in/ पर जाकर रजिस्टर करें और अपनी आपातकालीन परिस्थिति का विवरण दें ताकि उस पर फैसला लिया जा सके| जिसके चलते जैसे ही भारतीय सरकार न्यूजीलैंड से भारतीयों की वापसी की तारीख सुनिश्चित करता है उन नामों को तुरंत फाइनल किया जा सके|
उच्चायुक्त का यह भी आग्रह है कि प्रत्येक भारतीय इंडियन हाई कमिशन के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/HighCommissionofIndiaNewZealand/ पर हो रहे रोजना के अपडेटों से अवगत होता रहे ताकि सूचना के अभाव में उसे अनावश्यक नुकसान न उठाना पड़े|