
एफएटीएफ ने पाकिस्तान के साध उसके सदाबहार दोस्त तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। एफएटीएफ ने कहा है कि तुर्की ने हमें अगले बैठक तक फर्जी कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग पर ठोक कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। वहीं पाकिस्तान ने 34 सूत्रीय एजेंडे में से सिर्फ 30 पर ही काम किया है।
मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को राहत नहीं मिली है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। वहीं, पाकिस्तान के हमदम दोस्त और धार्मिक गुरू तुर्की को भी एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया है। एफएटीएफ प्रमुख मार्कस प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान अब भी अतिरिक्त मॉनिटरिंग वाली ग्रे लिस्ट में मौजूद है। पाकिस्तान ने एफएटीएफ की 34 सूत्रीय एजेंडे में से 4 पर अबतक कोई काम नहीं किया है।
2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था पाकिस्तान : पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था। अक्टूबर 2018, 2019, 2020 और अप्रैल 2021 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी। पाक एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है। इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेशों से और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिली है।
ईरान और उत्तर कोरिया पहले से हैं ब्लैकलिस्टेड : एफएटीएफ द्वारा ब्लैकलिस्ट में शामिल किए जाने पर पाकिस्तान को उसी श्रेणी में रखा जाएगा जिसमें ईरान और उत्तर कोरिया को रखा गया है और इसका मतलब यह होगा कि वह अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों जैसे आईएमएफ और विश्व बैंक से कोई ऋण प्राप्त नहीं कर सकेगा। इससे अन्य देशों के साथ वित्तीय डील करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
क्या है FATF? : फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों द्वारा 1989 में स्थापित किया गया था। इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगाह रखना है। इसके अलावा एफएटीएफ वित्त विषय पर कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा भी देता है। एफएटीएफ का निर्णय लेने वाला निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है। इसकी बैठक एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है।
Home / News / FATF क्या है? जिसने पाकिस्तान ही नहीं, तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में डाला, जानें क्या होगा असर?
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website