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अब चैन से सोऊंगा… ऑस्ट्रेलिया की नींद उड़ाकर रविचंद्रन अश्विन का बड़ा बयान


बांग्लादेश के निराशाजनक दौरे के बाद अपनी तकनीक में थोड़ा बदलाव करना भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के लिए कारगर रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट की पहली पारी में 6 विकेट झटकने के बाद अश्विन निश्चित रूप से काफी बेहतर महसूस कर रहे होंगे क्योंकि पूरी सीरीज के दौरान उनके स्पैल में काफी पैनापन दिखाई दिया। चौथे और निर्णायक टेस्ट के दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद अश्विन ने कहा, ‘तीन विकेट चटकाने के बजाय आप अब काफी बेहतर महसूस करते हुए बिस्तर में जा सकते हो। ’ उन्होंने कहा, ‘यह निश्चित रूप से अच्छा लगता है कि क्योंकि आपने काफी विकेट हासिल किए। मैं आज थोड़ा जल्दी सोने जाऊंगा और मैं थोड़ा खुश भी हूं। ’
अश्विन ने अभी तक इस सीरीज में 24 विकेट झटके हैं जबकि एक पारी अभी बची है लेकिन सपाट पिच पर 47.2 ओवर में छह विकेट चटकाना उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में शामिल रहेगा। 32वीं बार पांच विकेट का कारनामा करने वाले अश्विन ने कहा, ‘हमने विकेट के अच्छा होने की उम्मीद की थी लेकिन इतना धीमा नहीं जैसा कि यह था। इसलिए उम्मीद करते हैं कि जैसे-जैसे खेल आगे बढ़े, इस पर बल्लेबाजी करना मुश्किल होता जाए।’
उन्होंने दूसरे दिन 34 रन देकर पांच विकेट चटका लिए थे तो उनके लिए क्या चीज कारगर रही, इस पर उन्होंने कहा, ‘कोई भी स्पैल दूसरे स्पैल से बेहतर नहीं है, और इस विशेष सीरीज में विभिन्न चरणों में महसूस हुआ कि संख्या भले ही आपको पांच या छह विकेट नहीं दे रही हो लेकिन गेंद खूबसूरती से आ रही थी।’ फिर उन्होंने तकनीकी पहलू पर बात करते हुए कहा, ‘जो भी बदलाव मैंने अपनी गेंदबाजी में किए हैं, जिसमें कलाई की स्थिति में बदलाव करना, गेंद फेंकने के लिए तैयारी करना ये सभी चीजें शामिल हैं। इनसे यह फर्क पड़ा है कि मेरे स्पैल काफी ज्यादा पैने हो गए हैं। शायद बांग्लादेश में मैं अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं कर पाया।’ अश्विन ने कहा,‘हालांकि मैंने जो कुछ बदलाव किए हैं, उससे सुनिश्चित हुआ है कि मुझे पिच से मदद मिले। ’ सपाट पिच पर उन्हें अपना काम आसान करने के लिए कुछ निश्चित ‘वैरिएशन’ लाने पड़े जो स्पैल के दौरान उन्होंने गेंद फेंकने की तैयारी और कलाई की स्थिति में बदलाव करके किए। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि पिच से मदद न मिलने पर उन्होंने सीम, ड्रिफ्ट और अन्य वैरिएशन का सहारा लिया। अश्विन अन्ना ने कहा, ‘पिच से मुझे ज्यादा मदद नहीं मिली इसलिये मुझे ‘सीम’, ‘ड्रिफ्ट’ और जो भी कर सकता था, उसका इस्तेमाल किया। ’