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किसी देश को अपनी जमीन का इस्तेमाल दूसरे के खिलाफ नहीं होने देना चाहिए: नेपाल

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काठमांडो: नेपाल ने आज आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की और कहा कि किसी देश को अपनी सरजमीं का इस्तेमाल दूसरे देश के खिलाफ नहीं होने देना चाहिए। नेपाल ने स्वीकार किया कि भारत-पाकिस्तान के तनाव दक्षेस समूह को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

इंडिया हाउस में भारतीय राजदूत रंजीत राय द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में आयोजित समारोह में मीडिया से बातचीत में नेपाल के विदेश मंत्री प्रकाश शरण महत ने कहा कि नेपाल आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ है। वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से निंदा के बावजूद भारत में पाकिस्तान द्वारा आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिए जाने के बारे में एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा,‘‘हम सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं। कोई भी वजह हो, लेकिन आतंकवाद आतंकवाद होता है। हम इसकी निंदा करते हैं और हम आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करना चाहेंगे। किसी देश को अपनी सरजमीं का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं होने देना चाहिए।

इसे पूरी तरह हतोत्साहित किया जाना चाहिए और आतंकवाद फैलाने वालों को समाप्त करना चाहिए।’’ जब पूछा गया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) पर प्रभाव पड़ रहा है जिसकी अध्यक्षता फिलहाल नेपाल कर रहा है। इस पर महत ने कहा कि निश्चित रूप से एेसा है क्योंकि दक्षेस आम-सहमति पर काम करता है। नेपाली विदेश मंत्री ने कहा कि जब दो देश किसी बात पर सहमत नहीं होते और बड़े द्विपक्षीय मुद्दे उभरते हैं तो यह निश्चित रूप से दक्षेस को नुकसान पहुंचाता है। हाल ही में उरी में सेना के शिविर पर आतंकवादियों द्वारा हमलों के बाद इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले दक्षेस सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था। हमले में 19 भारतीय जवान मारे गये थे। दक्षेस के अध्यक्ष के नाते नेपाल ने सीमापार आतंकवाद की निंदा करते हुए कड़ा बयान जारी किया था।

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