
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों की बानगी अरब सागर में सोमवार तो तब दिखी, जब इंडियन नेवी के एक जंगी जहाज ने यूएस नेवी के टैंकर से ईंधन लिया। दोनों देशों के बीच हुए रक्षा समझौते के मुताबिक दोनों ही देश एक दूसरे के साथ करीबी तालमेल से काम करेंगे और एक दूसरे के बेस का भी इस्तेमाल करेंगे। इन्हीं प्रावधानों के तहत सोमवार को एक भारतीय जंगी जहाज ने उत्तरी अरब सागर में अमेरिकी नेवी के टैंकर यूएसएनए यूकोन से ईंधन भरा।
इंडियन नेवी के प्रवक्ता ने बताया, ‘उत्तरी अरब सागर में मिशन पर तैनात INS तलवार ने LEMOA (लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ अग्रीमेंट) के तहत अमेरिकी नेवी बेड़े के टैंकर यूएसएनए यूकोन से ईंधन लिया।’ 2016 में भारत और अमेरिका ने लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ अग्रीमेंट (LEMOA) पर दस्तखत किए थे, जिसके तहत दोनों सेनाएं एक दूसरे को मरम्मत और सेवा से जुड़ी अन्य जरूरतों के लिए एक दूसरे के अड्डे का इस्तेमाल करेंगे। भारत फ्रांस, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ भी ऐसा करार कर चुका है।
पिछले कुछ सालों से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों ने 2018 में एक अन्य रक्षा समझौते COMCASA यानी कम्यूनिकेशन कॉम्पैटिबिलिटी ऐंड सिक्यॉरिटी अग्रीमेंट पर भी दस्तखत किया है जिसके तहत दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग और यूएस से भारत को उत्कृष्ट तकनीक बेचे जाने की व्यवस्था है।
इसी साल जुलाई में इंडियन नेवी ने यूएस नेवी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ अंडमान-निकोबार में सैन्य अभ्यास किया था। इसमें अमेरिका की तरफ से परमाणु ताकत से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमिट्ज ने भी हिस्सा लिया था। यूएसएस निमिट्ज दुनिया का सबसे बड़ा जंगी जहाज है। उस सैन्य अभ्यास में इंडियन नेवी के 4 जंगी जहाजों ने भी हिस्सा लिया था।
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