
पाकिस्तान के कराची में शिया-विरोधी आंदोलन भड़कने के साथ ही देश में दंगों की आशंका पैदा होने लगी है। कराची में शिया-विरोधी लोग प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए हैं जिसकी सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई है। लोग पोस्ट, फोटो और वीडियो शेयर कर रहे हैं। इस दौरान ‘शिया काफिर हैं’ के नारे बुलंद किए जा रहे हैं और आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान के बैनर लहराए जा रहे हैं।
संगठन शियाओं की हत्या के लिए ही कुख्यात है। ये मामला तब सुलग उठा जब शिया नेताओं ने टीवी पर इस्लाम के खिलाफ बयान दिया । इसके बाद से विरोध प्रदर्शन शुरू हुए और सोशल मीडिया पर #ShieGenocide भी ट्रेंड कर रहा है। आफरीन नाम की ऐक्टिविस्ट के मुताबिक शिया मुसलमानों को धार्मिक शास्त्र पढ़ने के लिए और मुहर्रम शुरू होने पर आशूरा में हिस्सा लेने के लिए हमला किया जाता है।
आफरीन ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शिया मुस्लिमों के खिलाफ नफरत का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार हैं। एक और ट्विटर यूजर ने लिखा है कि हिंसा को कवर करने वाले पत्रकार बिलाल फारूकी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह शियाओं का नरसंहार ही है।
पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है और लोगों को इसका दोषी पाए जाने पर मौत की सजा होती है। आफरीन ने आरोप लगाया है कि कुछ साल पहले शियाओं को मारने के लिए अंजान नंबर से मेसेज किए जा रहे थे। कभी उन पर ग्रेनेड भी फेंके जाते हैं।
#ShiaGenocide
— Mehdiakazmi (@Mehdiakazmi1) September 12, 2020
What is this...?
Where is Govt...? pic.twitter.com/qHZYRdEXNq
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