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सच में इंटेलिजेंट होते हैं दिन में झपकी लेने वाले बच्‍चे? चिड़चिड़ेपन और बदतमीजी में भी आती है कमी


आपने अक्‍सर देखा होगा कि बच्‍चे स्‍कूल से आने के बाद दोपहर में सोते हैं। कहा जाता है कि दोपहर में झपकी लेना बच्‍चों के विकास के लिए जरूरी होता है लेकिन अगर बच्‍चा दोपहर में झपकी न ले, तो क्‍या यह नॉर्मल है या फिर इससे कोई समस्‍या हो सकती है?
बच्‍चे जब स्‍कूल से आते हैं तो वो थकान के कारण दिन या दोपहर में सो जाते हैं लेकिन जैसे-जैसे बच्‍चे बड़े होते हैं ये सवाल जरूर उठता है कि क्‍या बच्‍चों के लिए दोपहर में सोना जरूरी होता है? कुछ बच्‍चे दिन में सोना पसंद करते हैं जबकि कुछ बच्‍चों को दिन में सोना अच्‍छा नहीं लगता है, ऐसे में पेरेंट्स के मन में यही सवाल आता है कि क्‍या बच्‍चों के लिए दिन में सोना बहुत आवश्‍यक है?
शुरुआती समय में बच्‍चों के विकास में दोपहर की झपकी अहम भूमिका निभाती है। टॉडलर और छोटे बच्‍चों को मानसिक विकास, भावनात्‍मक संतुलन और शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ रहने के लिए झपकी की जरूरत होती है। इस आर्टिकल में आगे बताया गया है कि बच्‍चों को किस उम्र में कितनी नींद लेने चाहिए और झपकी लेने से क्‍या-क्‍या फायदे मिलते हैं।
बच्‍चों को झपकी लेने के फायदे – झपकी लेने से याद्दाश्‍त तेज होती है, बच्‍चे की सीखने की क्षमता बढ़ती है और वह अपनी भावनाओं को संतुलित कर पाता है। लेकिन उम्र के हिसाब से हर बच्‍चे को भिन्‍न मात्रा में नींद की जरूरत होती है।stlouischildrens.org के अनुसार जो बच्चे झपकी लेते हैं, उनका फोकस लंबे समय तक बना रहता है और वे उन बच्चों की तुलना में कम चिड़चिड़े होते हैं जो झपकी नहीं लेते हैं।
उम्र के हिसाब से कितनी नींद लें बच्‍चे – एक से तीन साल के बच्‍चों को 12 से 14 घंटे की नींद के साथ झपकी लेने की जरूरत होती है। तीन से पांच साल के बच्‍चों को 10 से 13 और 6 साल से अधिक उम्र के बच्‍चों को सिर्फ रात में 9 से 12 घंटे की नींद चाहिए होती है। तो क्‍या बच्‍चे को दोपहर में झपकी लेने की जरूरत है?
इस बात को समझें – अगर आपके बच्‍चे ने दोपहर में झपकी लेना बंद कर दिया है, तो आप इस बात पर ध्‍यान दें कि कहीं उसे शाम तक थकान तो नहीं हो रही है। यदि बच्‍चे के पास दोपहर में सोने के लिए समय नहीं है, तो आप कुछ तरीकों से उसे फ्रेया और एनर्जेटिक रख सकते हैं। आगे ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में बताया जा रहा है।
रात में भरपूर नींद लेनी है – यदि बच्‍चा दिन में नहीं सो सकता है तो आप इस बात का ध्‍यान रखें कि उसे रात में भी भरपूर और पर्याप्‍त नींद मिल जाए। रात को एक ही समय पर सोने के लिए बच्‍चे को बिस्‍तर पर लिटाएं और लाइट बंद कर दें। आप सोने से पहले किताबें पढ़ सकते हैं लेकिन सोने से पहले किसी भी इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस का इस्‍तेमाल न करें।
30 मिनट की झपकी भी रहेगी अच्‍छी – अगर आपका बच्‍चा दिन में 30 से 45 मिनट की झपकी भी ले सकता है, तो वो भी फायदेमंद साबित होगी।kidshealth.org के अनुसार रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाने, संगीत सुनने, डीप ब्रीदिंग करने या हल्‍की स्‍ट्रेचिंग करने से भी नींद अच्‍छी आती है।